सतना जिले के सरकारी कर्मचारियों के कारनामों में यह एक अपनी तरह का काफी बड़ा मामला सामने आया है जिसमें एक व्याख्याता ने एक अधिकारी का नजदीकी बनने के लिहाज से कलेक्टर बन कर सतना शहर में चैनल का प्रसारण रुकवा दिया.
हमे मेल द्वारा भेजी गई जानकारी में बताया गया है कि 24 दिसम्बर को साधना न्यूज के रिपोर्टर राज द्विवेदी ने डिप्टी कलेक्टर राजीव दीक्षित की फुटेज अपने कैमरे में तब कैद कर ली जब वे अपने आफिस में कम्प्यूटर में ताश खेल रहे थे. मेल में बताया गया है कि राज इसे महज एक सामान्य स्टोरी की भांति चलाना चाह रहे थे लेकिन डिप्टी कलेक्टर को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने खबर ही रुकवाने का मन बना लिया. अधिकारी की यह मंशा स्थानीय चैनल के संचालक सदस्यों में से एक तथा व्यंकट क्रमांक 2 के व्याख्याता भूप सिंह को समझ में आ गयी. उन्होंने खुद को मीडिया जगत की तोप बताने की नीयत से न केवल यह आस्वासन दे दिया कि यहां किसी चैनल में यह खबर नहीं आयेगी न ही किसी न्यूजपेपर में. लेकिन इस बीच साधन चैनल में इस खबर की पट्टी चलने लगी क्योंकि रिपोर्टर द्वारा इस स्टोरी की उच्च स्तर पर जानकारी दी जाकर खबर बनाने की अनुमति मांगी गयी थी. जैसे ही यह जानकारी राजीव दीक्षित को लगी तो फिर यह मामला फिर भूप सिंह के समीप पहुंचा. इसे अपनी इज्जत से जोड़ते हुए भूप सिंह ने न केवल साधना चैनल के रिपोर्टर से बदतमीजी की बल्कि उन्हे धमकी भी दी. इसके साथ ही अपने चैनल में प्रसारण रोकने के साथ ही शहर के अन्य चैनलों को यह संदेश भिजवाया कि कलेक्टर इस चैनल का प्रसारण बंद करने के आदेश दिये है. फिर क्या था आनन फानन में चैनल का प्रसारण रोक दिया गया जबकि हकीकत यह थी कि इसकी जानकारी स्वयं कलेक्टर को नहीं थी.
जब इसकी जानकारी संबंधित चैनल को लगी की उसका प्रसारण रुक गया है तो फिर चैनल ने इस स्टोरी को मास्टर स्टोरी बनाते हुए प्रदेश स्तर से प्रभारी मंत्री सहित तमाम लोगों को आन लाइन किया साथ ही कलेक्टर सतना से भी इस बावत बात की जिसमें कलेक्टर यह साफ कहते नजर आये कि उन्हे इस घटना की जानकारी नहीं है. फिर सिटी मजिस्ट्रेट को चैनलो के प्रसारण केन्द्र में भेज कर साधना का प्रसारण शुरू करवाया गया.
लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि भूप सिंह जैसे व्याख्याता क्या इतने भारी हो गये हैं कि कलेक्टर के नाम पर फर्जी निर्देश जारी कर दें. साथ ही कलेक्टर ने क्या इस पर कोई जांच बैठायी है हालांकि प्रभारी मंत्री ने इस घटना की जांच कराने की बात कही है. लेकिन यह जरूर स्पष्ट हो गया है कि भूप सिंह ने अधिकारी के करीबी बनने के चक्कर में कलेक्टर की इज्जत की फजीहत जमकर उड़ाई है.
Monday, December 28, 2009
Wednesday, December 16, 2009
पुष्कर शहर के प्रथम नागरिक चयनित
कभी हां कभी न के बीच नगर निगम सतना की जनता ने आखिर अपने शहर के विकास की बागडोर भाजपा छोड़ बसपा से महापौर प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए पुष्कर सिंह तोमर को थमा दी है. वहीं भाजपा प्रत्याशी राजकुमार मिश्रा ने तीसरे स्थान पर पहुंच कर न केवल अपनी बची बचाई इज्जत साथ ही भाजपा पर भी कालिख पोत दी हालांकि प्रत्याशी चयन के लिये खुद पार्टी भी जिम्मेदार है. इनकी छवि को लेकर पूर्व में ही भाजपा में काफी विरोधाभाष टिकट वितरण को लेकर रहा. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने संघर्ष किया और दूसरे स्थान पर रहे.
Sunday, December 13, 2009
अखबार के दफ्तर में बन रही प्रेमकहानी
न्यूज पोस्ट मार्टम को मिले एक ही मेल में एक दूसरे घटना क्रम की जानकारी दी है. पहला घटना क्रम तो कालेज के एमएमएस का रहा तो दूसरा घटनाक्रम एक अखबार के दफ्तर में चल रही प्रेम कहानी का है. हालांकि इस बारे में ज्यादा पुष्टि नहीं होने से पूरा मामला यहां नहीं दिया जा रहा है लेकिन मेल में स्पष्ट लिखा गया है कि दोनो अधिकारी कर्मचारी एक ही अखबार से वास्ता रखते हैं.
कम्प्यूटर कॉलेज की छात्रा का एमएमएस
न्यूजपोस्टमार्टम को मिले मेल में बताया गया है कि इन दिनों एक एमएमएस शहर में देखने को मिल रहा है जो शहर के एक प्रतिष्ठित कम्प्यूटर कॉलेज की छात्रा का है. इस एमएमएस के बारे में जो बताया जा रहा है उसमें सिर्फ छात्रा को ही फिल्माया गया है और ऐसा भी नहीं है कि एमएमएस को छात्रा की जानकारी के बिना फिल्माया गया है. एमएमएस के संबंध मे बताया जा रहा है कि उसे देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि छात्रा को मालूम है कि उसका एमएमएस बनाया जा रहा है. क्योंकि इसमें लड़की यह कह रही है कि किसी को दिखाया तो बहुत मारूंगी. मेल में यह भी बताया गया है कि इसकी जानकारी कालेज के संचालक को भी हो चुकी है लेकिन उनके द्वारा इसे छुपाने की काफी कोशिश की जा रही है. मेल में यह भी बताया गया है कि इस कालेज संचालक के एक भाई के कालेज में काम करने वाली महिला कर्मी से संबंधो की भी काफी चर्चा है और कई बार कालेज के कर्मचारी भी इन्हे देख चुके है लेकिन नजरअंदाज करना उनकी मजबूरी बनता जा रहा है.
Monday, December 7, 2009
वन विभाग के छापे पर मीडिया की सौदेबाजी
काफी अरसे के बाद शहर के मीडियाकर्मियों को खबर की सौदेबाजी का मौका मिला है. वह मौका मिला है वन विभाग के अमले द्वारा एक आरामशीन में छापे के बाद. यहां छापा डलने के बाद भी हर बात को खबर बताने वाले मीडियाकर्मियों को यह खबर दिखाई नहीं दी. न्यूजपोस्टमार्टम को मिले मेल में कहा गया है कि इस खबर पर तीन अखबार कर्मियों और दो इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार लाभान्वित हुए है.
मामले के अनुसार बिरला रोड स्थित प्रेम टिम्बर में वन विभाग की टीम ने नियमविरुद्ध लकड़ी का भण्डारण पाया. इसका संचालक मुन्नीलाल चौरसिया बताया गया है. यहां वन दस्ते ने सुबह कार्यवाही की लेकिन दूसरे दिन ज्यादातर खबरनवीसों को इस खबर से परहेज देखने को मिला इनमें से वे लोग भी शामिल रहे जो अभी कहुआ और कत्था के पेड़ों की कटाई की खबरे प्रमुखता से प्रकाशित करने में जुटे थे.
मामले के अनुसार बिरला रोड स्थित प्रेम टिम्बर में वन विभाग की टीम ने नियमविरुद्ध लकड़ी का भण्डारण पाया. इसका संचालक मुन्नीलाल चौरसिया बताया गया है. यहां वन दस्ते ने सुबह कार्यवाही की लेकिन दूसरे दिन ज्यादातर खबरनवीसों को इस खबर से परहेज देखने को मिला इनमें से वे लोग भी शामिल रहे जो अभी कहुआ और कत्था के पेड़ों की कटाई की खबरे प्रमुखता से प्रकाशित करने में जुटे थे.
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