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Tuesday, December 17, 2013

दैनिक भास्कर में गाली गलौज, मालिक को भी धमकी

दैनिक भास्कर में जमकर गाली गलौज हमें भेजे मेल में बताया गया है की बुधवार 17 दिसम्बर को दैनिक भास्कर के दफ्तर में रात 11 बजे के लगभग क्राइम इंचार्ज ने जमकर हंगामा काटा। हाल ही में भास्कर छोड़ कर गए विश्वतारा दूसरे का खास माना जाने वाला ये कर्मचारी मालिक अजय अग्रवाल से बदतमीजी तो की ही राकेश अग्रवाल को भी फोन लगाकर गाली दी।इसके बाद अपने ही साथी चंद्रकांत पांडे को भी जमकर चमकाया। इस घटना से भास्कर में सनाका खिंच गया है। ------ सामने आया चुनाव घोटाला दैनिक भास्कर की इंटरनल जांच में ये जानकारी सामने आई है की चुनाव के दौरान स्थानीय सम्पादकीय से लाखो रूपये अंडर कट कर लिए गए। मामला खुलने के बाद अलग होने का निर्णय लिया गया।

Saturday, December 14, 2013

स्टार समाचार पर उतरा कलेक्टर का गुस्सा

हमें मिले मेल में बताया गया है कि स्टार समाचार में महेंद्र पाण्डेय नामक रिपोर्टर ने एक भ्रामक खबर लिखी, जिसे संपादक ने बिना संपादन के छपने दिया। बल्कि बाई लाइन भी दे दी। खबर सरकारी मद पर थी। सरकारी व्यवस्था के अनुरूप हर विभाग प्रमुख उस मद या खाते की राशि जारी करने का अधिकारी होता है। लेकिन इसका अपना कायदा होता है। स्टार समाचार के रिपोर्टर ने जानकारी के आभाव में उसे पर्सनल खाता लिख कर सनसनी फैला दी। ये जानकारी जब कलेक्टर को लगी तो इस खबर पर अख़बार के संबंधितों की क्लास ले डाली।
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 इसी रूप की एक अन्य खबर भास्कर में छपी थी जिसमें एक पुलिस अधिकारी को फरार लिखा गया था। पुलिस अधीक्षक ने इस पर भी आपत्ति ली। अख़बार के इन गैर जिम्मेदाराना तरीकों पर तथा भ्रामक सनसनीखेज प्रस्तुतीकरण पर नाराजगी जताई गई।
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 ख़बरों के इस मामले में संपादक की धराशायी निगरानी भी सामने आई है।

Friday, December 6, 2013

स्टार प्रबंधन को जन्संदेश ने पीछे छोड़ा

विधान सभा चुनाव के दौरान जहाँ प्रत्याशी अपनी तैयारियों में जुटे थे वहीं जन्संदेश प्रबंधन स्टार को पटखनी की तैयारी में जुटा था।हुआ भी यही इधर स्टार ने जैसे ही सतना की जिम्मेवारी भास्कर के विश्वतारा दूसरे को सौपी वहां से जाने वालों की लाइन लग गई। हालाँकि ये लाइन पहले ही लग जाती लेकिन जयराम शुक्ल ने उन्हें बांध रखा था। हालाँकि जीएम अश्वनी शर्मा की तानाशाही और भाई भतीजावाद से आक्रोश काफी था। जयराम के जाते ही बाहर आ गया। फिर विश्वतारा की अखबार जगत के अपने समीकरण भी यहाँ रंग दिखाने लगे। सब मिला कर नतीजा ये रहा की लोगो के स्टार से रवानगी की कतार लग गई।
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संपादन लेखन नहीं प्रबंधन भी 
विश्वतारा के स्टार में आने के बाद कई ऐसी ख़बरें आयीं जो रूटीन नहीं थी लेकिन वे भास्कर में भी थी। साबित हो रहा है भास्कर से खबर ली जा रही है। लेकिन इतिहास है इसमें छवी कमज़ोर अखबार की ही गिरती है। दरअसल दूसरो की खबर लेकर रंगना और जबरन विस्तार से संपादक का कौशल नहीं होता। स्वरचित रचना और अपनी टीम से काम करवाना उसका कौशल है। जो जयराम में था। हालाँकि भास्कर के रमाकांत से वहां की खबर लेकर स्टार का वजन नहीं बढ़ सकता। सुबह की बैठक लेकर यदि सब्जेक्ट दिया जायेगा और फील्ड में लोग भेजे जायेंगे तो शायद सुधार होगा वरना कटिंग मास्टर की छवि और ज्यादा बढ़ेगी।
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मारुती की समीक्षा 
 इन दिनों सांध्य दैनिक मारुति एक्सप्रेस में अख़बारों की समीक्षा आ रही है। इसमें लगता है अख़बार सही तरीके से पढ़े नहीं जा रहे। वरना लिखने को बहुत कुछ है।