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Friday, December 24, 2010

गणेश व शंकर बीच किसने बड़ी की खाई

बिगत दिवस सांसद गणेश सिंह की भतीजी की शादी पर तमाम बड़े नेता आये। लेकिन इस अवसर पर कुछ ऐसे लोग भी सक्रिय रहे जो इस अवसर का अपने हित में पूरी तरह से कूटनीति का प्रयोग किया।
इस दिन दो घटनाक्रम हुए जो कूटनीति के बड़े उदाहरण हैं
1. शंकरलाल तिवारी की बेइज्जतीः
हमें भेजे गये मेल में बताया गया है कि इस दिन हवाई अड्डे पर पुलिस के एक अधिकारी द्वारा विधायक शंकरलाल तिवारी को बाहर निकालने की बात को इस तरह से प्रचारित किया गया कि मानों वे धक्के देकर बाहर किये गये। लेकिन ऐसा था नहीं दरअसल यहां छत्रपाल सिंह ने बड़ी राजनीतिक चाल चली है। हकीकत यह रही है कि शंकरलाल तिवारी हवाईअड्डे पर अंदर जा ही नहीं रहे थे। लेकिन यहां कुछ नेताओं और पत्रकारों को बाहर ला रहे पुलिस अधिकारी को समझाइश दे रहे शंकरलाल तिवारी के बीच में छत्रपाल सिंह छत्तू ने पुलिस अधिकारी को यह कह दिया कि "अंदर जो खड़े हैं वो तुम्हारे बाप हैं..." यह सुन अधिकारी नाराज हो गया। इसके बाद बहस बढ़ती गई। पुलिस अधिकारी भी तमतमा गया इसी तमतमाहट के बीच वह सभी को बाहर लाता जा रहा था और इसी के साथ शंकरलाल भी स्वयं ही बाहर आ गये। यहां छत्रपाल सिंह ने बड़ी कूटनीतिक रणनीति खेली और यह प्रचारित किया कि शंकरलाल को बाहर किया गया। इससे इन दिनों गणेश सिंह से छत्तू की चल रही दूरी को उसने शंकरलाल के बहाने भुनाया। हमें भेजे मेल में बताया गया है कि उधर विधायक शंकरलाल को यह बताया गया है यह सब सांसद गणेश सिंह के कहने पर हुआ है। इससे गणेश शंकर का शीतयुद्ध और गहरा गया है। और फायदा दोनों के विरोधियों का हुआ है। यहां यह भी बताया गया है कि आखिर एसपी यादव किस के कहने पर यह सफाई दे रहे हैं कि भोपाल से जिनकी सूची भेजी गई थी उन्हें ही अन्दर जाने दिया गया। यहां भी जातिवाद को मदद की बात बताई जा रही है।
2. घट गया भोजनः
सांसद गणेश सिंह जो इन दिनों करोड़ों के मालिक हैं जिनके गोवा व हिमाचल प्रदेश में अपने बिजनेस तैयार हैं उनके यहां शादी में एक घंटे तक आगंतुकों को भोजन न मिलना एक बड़ी साजिश है। हमें भेजे मेल में बताया गया है कि यहां भोजन की कमी एक सोची समझी साजिश का नतीजा रही है। इसमें कहा जा रहा है कि भोजन की व्यवस्था वहां एक यादव को दी गई थी जो कुटिल राजनीतिज्ञ माने जाने वाले लक्ष्मी यादव का खास आदमी माना जाता है तथा एक स्कूल संचालक अग्रवाल को निगरानी में रखा गया था। इन लोगों ने किसी एक के इशारे पर पूरी व्यूह रचना के साथ खाने में साजिश रची जिसका नतीजा एक घंटे तक खाना न मिलना रहा। इस वजह से आम लोग तो खान नहीं पाये व बिना खाये चले गये कई व्हीआईपी भी होटल में अपना भोजन लिया।
3. सरकारी कार्यक्रम का दुष्प्रचारः
मुख्यमंत्री भी इस शादी में शामिल होने आये थे। चूंकि वे वायुयान से आ रहे थे इस लिये जिला प्रसाशन को स्थानीय स्तर पर एक सरकारी कार्यक्रम रखना मजबूरी थी। उसकी तैयारी उसने रामपुर बाघेलान क्षेत्र में कर रखी थी लेकिन इसका कोई प्रचार प्रसार नहीं था। यह एक प्रशासन की तैयारी थी। इसे छत्रपाल सिंह द्वारा दूसरे तरीके से प्रकट कर ऐसा माहौल बनाया गया कि प्रशासन भी परेसान हो गया जिसका असर शादी की माहौल में पड़ा।
इसके अलावा तीन और बिन्दु हमें मेल किये गये हैं जिनकी प्रमाणिकता अभी नहीं मिल सकी है इस लिये उसे प्रकाशित नहीं कर रहे हें।

Thursday, December 16, 2010

विश्वतारा दूसरे राज से हटाए गये

राज एक्सप्रेस भोपाल में डेस्क एडीटर के तौर पर पदस्थ विश्वतारा दूसरे को राज से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हमें भेजे मेल में बताया गया है कि विगत कई महीनों से इनके द्वारा वहां कार्य में रुचि नहीं ली जा रही थी साथ ही अपने स्तर पर अखबारी राजनीति में लिप्त रहे। इसकी भनक राज प्रबंधन को लगी तो इन्हें इनके मूल एडीटोरियल से हटाते हुए विज्ञापन सेक्शन में भेज दिया गया और इन्हें जबलपुर रीजन का प्रभारी बनाते हुए इतना टारगेट तय कर दिया गया कि उतना संभव नहीं था। इन स्थितियों के मद्देनजर यह माना जाने लगा था कि विश्वतारा की छुट्टी राज से तय है। हालांकि वहां से इस घटना के बाद बगैर सूचना के सतना पहुंचे विश्वतारा दूसरे के वापस राज न पहुंचने पर उनको हटा दिया गया है। मेल में बताया गया है कि श्री दूसरे पहले सतना में जागरण के ब्यूरो चीफ रहे हैं तब एक महिला सहकर्मी के संबंधों को लेकर तथा शराबखोरी के चलते काफी विवादित रहे हैं।