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Sunday, March 24, 2013

मीडिया हाउसों में रहा उथल पुथल का दौर


सतना के प्रिंट मीडिया हाउसों के लिये पिछले दो सप्ताह काफी उहापोह भरे और उथलपुथल से युक्त रहा। यहां दस्तक देने जा रहे दैनिक अखबार पत्रिका की वजह से अब तक अलमस्त हाथी की चाल चल रहे दैनिक भास्कर को पहली बार सतना में अपने संस्करण सुधार की चिंता करनी पड़ी वहीं स्टार समाचार को भी काफी जोर लगाना पड़ रहा है। अखबार की इस आवक से कर्मचारियों के इधर से उधर जाने का सिलसिला भी शुरू हुआ है। इसमें स्टार समाचार से रमाशंकर शर्मा, धीरेन्द्र गुप्ता, सुखेन्द्र मिश्रा ने पत्रिका का दामन थाम लिया है तो दैनिक जागरण से अमित सिंह सेंगर स्टार समाचार पहुंचे हैं। सांध्य दैनिक मारुति से हरी ने भी स्टार समाचार में अपनी ज्वाइनिंग दी है। दैनिक भास्कर ने भी अपने यहां स्टाफ में बढोत्तरी की है। उसने अपने पुराने लोगों पर भरोसा करते तीन–चार पहले पत्रकारिता लाइन से अलग चल रहे प्रशांत द्विवेदी को बतौर क्राइम रिपोर्टर रखा है। सिटी की रंगीन गतिविधियों के लिये अमित सिंह बाबा को लाया गया है। यहां पर भास्कर के लिये आश लगाये बैठे संतोष पाण्डेय को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। अब खबर है कि वे स्टार समाचार से चर्चा कर रहे हैं। भास्कर ने पत्रिका से मुकाबले के लिये सिटी भास्कर के लिये जबलपुर से भी कुछ लोगों को सतना भेजा है। इसके अलावा विज्ञापन जगत से क्षितिज सुरजन को भी खींचने में पत्रिका सफल रहा है। भास्कर ने संपादक विश्वतारा दूसरे के नेतृत्व में फाइटिंग की तैयारी शुरू कर दी है और उनके कहने पर सभी रिपोर्टरों की टेबल पर कम्प्यूटर लगाये गये हैं। मालिक राकेश अग्रवाल ने संपादक की मंशानुसार हर वो काम कर दिया है जो उन्होंने कहा। ऐसे में अब संपादक पर जिम्मेदारी का भार भी काफी बढ़ गया है। उधर स्टार समाचार के संपादक जयराम शुक्ल पर भी दबाव काफी है। इस बीच अखबार जगत में यह खबर काफी चर्चा में रही कि जयराम शुक्ल ने अपना इस्तीफा प्रबंधन को भेज दिया है। हालांकि बाद में प्रबंधन ने उसे स्वीकार नहीं किया।

Wednesday, March 6, 2013

आला कमान का सुरा और सुन्दरी प्रेम

हमें भेजे मेल में एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है। हालांकि इसकी पुष्टि न्यूजपोस्टमार्टम टीम द्वारा नहीं की गई है इसलिये स्पष्ट खुलासा नहीं किया जा रहा है लेकिन संकेत में घटनाक्रम दिया जा रहा है। पुष्टि होते ही पूरा घटनाक्रम खोल दिया जायेगा। मेल के अनुसार अधिकारियों के प्रभु का दिल इनदिनों एक सुन्दरी पर रीझा हुआ है। आये दिन दफ्तर में बैठाकर उनसे लंबी–लंबी चर्चाएं और गप्पे होती रहती है। हालात तो यहां तक हैं कि इनके संबंध गप्पों मजाकों से आगे स्पर्श की सीमा तक हो चुके हैं। सिंधी समाज की यह युवती एक बिल्डर के मार्फत उन तक पहुंची है और पूरा ध्यान रख रही है। इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि पाक–साफ दिखने वाले साहब को सुरा से भी प्रेम है। हाल ही में एक कारोबारी ने इन्हें उम्दा किस्म की शराब की बोतल गिफ्ट की थी। जिसे उन्होंने बड़े चाव से स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि उन्हें एक और बिल्डर शराब की बोतल गिफ्ट करना चाह रहा था लेकिन उनसे उन्होंने वह बोतल स्वीकार नहीं की है।

Sunday, March 3, 2013

महापौर से बयान लेने बीना पुलिस सतना आई

हमें भेजे मेल में बताया गया है कि बीना पुलिस की दो सदस्यीय टीम महापौर के बयान लेने सतना पहुंची। इसके लिये सतना जीआरपी को सूचित करने के बाद महापौर से बयान लेने के लिये गई। लेकिन महापौर के मौजूद नहीं होने से बयान नहीं हो सके हैं। इस मामले की वजह पिछले दिनों उमरिया कलेक्टर और सतना महापौर के बीच रेलगाड़ी में सीट को लेकर हुआ विवाद है। इस विवाद और झूमाझटकी के बाद कलेक्टर ने इसकी रिपोर्ट जीआरपी में दर्ज कराई थी। वहीं सतना के अखबारों में यह खबर नहीं आना भी अपने आप में बड़ी खबर है....

नशे में भागे स्टार समाचार के संपादक

हमें भेजे मेल में बताया गया है कि पिछले दिन स्टार समाचार के संपादक को नशे की हालत में हुए झगड़े के बाद मारपीट से बचने गलियों से भागना पड़ा। मेल में लिखा गया है कि संपादक सतना से रीवा अपने किसी एक अन्य साथी के साथ नशे में फुल टुन्न एक पार्टी में रीवा पहुंचे थे। उसी में पत्रकार के एक स्वनामधन्य संगठन के नेता शलभ भदौरिया भी थे। किसी मुद्दे को लेकर संपादक की बहस भदौरिया से होने लगी तो भदौरिया के साथी भी स्टार समाचार के संपादक से उलझ पड़े। मामला शुरु में मौखिक बहस तक रहा लेकिन नशे की हालत में बहस गरम होती गई और बाद में देख लेने तक बढ़ी। इसी दौरान भदौरिया का एक साथी जो सतना का ही निवासी है संपादक की गाली का जवाब गाली से देने लगा। संपादक भी नशे में थे सो वे जूते मारने की बात कह दिये फिर क्या था भदौरिया के उस साथी ने जूता ही उतार लिया। स्थिति मारपीट की बन गई और संपादक जी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपने साथी सहित चुपचाप मौका देखकर गलियों से भाग लिये। इस दौरान वे वहां से नहीं निकले जहां से प्रवेश किये थे।