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Thursday, January 31, 2013

विश्वतारा ने खड़े किये हाथ, स्टार को होगा सर्वाधिक नुकसान

अब सतना में बड़े अखबार समूह के दैनिक पत्रिका का आगमन तय हो चुका है और इसका बाजार में सर्कुलेशन सर्वे भी शुरू हो चुका है। जिस तरीके की तैयारियां चल रही है उससे फरवरी में इसकी प्रिंटिंग मशीन भी लगना तय माना जा रहा है। इस अखबार की दस्तक के साथ ही सतना के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर ने अपना होल रिव्यू शुरू कर दिया है। हालांकि टेक्निकल तैयारियां पूरी कर चुके दैनिक भास्कर के संपादकीय के मुखिया विश्वतारा दूसरे ने अपने प्रबंधन को संपादकीय को जो रिपोर्ट भेजी है वह काफी चौंकाने वाली है। इसमें उन्होंने हालिया टीम के दम पर पत्रिका से मुकाबला करने में खुद को अक्षम बताया है और इसमें नाकारा लोगों की जानकारी भी दी है। अखबार जगत की कनबतियों के अनुसार इसमें भी विश्वतारा ने अपने चमचों को नाकारा की सूची से बाहर रखा है जिसे लेकर संपादकीय में असंतोष उमड़ा। इसके साथ ही उनकी संपादकीय असहिष्णुता भी संपादकीय प्रबंधन में अंदरूनी विवाद का कारण बनी हुई है। चमचों को प्रमोट करने की उनकी कार्यशैली के कारण अरविन्द मिश्रा जैसे वरिष्ठ लोगों ने खुद को हाशिये पर कर लिया है तो मनोज रावत औरपंकज जोशी भी अपनी निगेटिक रिपोर्टिंग को लेकर एक दूरी बनाये हुए हैं। कमलेश को शुरुआत से ही पसंद नहीं कर रहे विश्वतारा दूसरे की गुड एवं ड्रीम टीम में उनके हमप्याला और चमचे नुमा कुल जमा पांच लोग हैं।
उधर जिले के नंबर दो अखबार की बात करें तो पत्रिका के आने से सबसे ज्यादा नुकसान इसी अखबार का तय है। अकुशल संपादकीय प्रबंधन और असंतोष इस अखबार को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचायेगा। सर्कुलेशन और कर्मचारियों का सबसे ज्यादा नुकसान इसी अखबार को होना पत्रकार जगत की उथल पुथल में है। अभी तक यहां भी किसी तरह का आपदा प्रबंधन नहीं शुरू हुआ है।
दैनिक जागरण और नवस्वदेश ऐसे अखबार होंगे जिनकी सेहत पर कोई फर्क इस अखबार के आने से नहीं पड़ने वाला है। जबकि नवभारत अपने आपकों कुछ बहुत सुधारने में लगा है। हालांकि इसके पीछे चुनावी तैयारी है न कि पत्रिका का भय।

Friday, January 18, 2013

पत्रिका की धमक के साथ ही भास्कर की रक्षात्मक तैयारियां शुरू

लंबे अरसे के बाद अब सतना में राजस्थान पत्रिका के मध्यप्रदेश ग्रुप पत्रिका के सतना संस्करण की तैयारी अंतिम रूप लेने लगी है। इसका पाठक सर्वे शुरू हो रहा है तो सर्कुलेशन की भर्ती प्रक्रिया भी प्रारंभ है। इसके साथ ही यहां स्थानीय स्तर पर बायोडाटा लिये जाने लगे हैं। इस सबको लेकर पत्रिका की आमद अब जहां तय मानी जा रही है वहीं मुख्य प्रतिद्वंद्वी की भूमिका निभाने वाले दैनिक भास्कर ने भी अपनी रक्षात्मक तैयारियां शुरू कर दी है। इसके मैनेजमेंट ने जहां कर्मचारियों की सेलरी सीट मंगाई है और सेलरी बढ़ाने की तैयारी में है तो अन्य तकनीकि श्रेष्ठता के उपाय कर रहा है। दूसरे प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्टार समाचार रहेगा और सर्वाधिक नुकसान इसी अखबार का संभावित है। अब इस खेल में कौन कितना और कैसे खेलता है यह तो वक्त बतायेगा लेकिन काफी संख्या में कर्मचारी इधर से ऊधर होंगे जिसमें स्टार के कर्मचारियों की संख्या ज्यादा ही होने वाली है।

Wednesday, January 16, 2013

वेलडन जागरण, स्टार की संपादकीय अदूरदर्शिता

सीमा पर जिन दो सैनिकों को पाकिस्तानी सेना ने बर्बरता से मौत के घाट उतारा है और इन सैनिकों की सहादत पर पूरा देश उबल रहा है उनमें एक सीधी जिले के ग्राम दढ़िया का सुधाकर सिंह है। जब पूरा देश सम्मान पर उतरा हुआ है ऐसे में बुधवार १६ जनवरी को सेना के उपसेनाध्यक्ष अनिल चैट ने दढ़िया जाकर श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढाढ़स बढ़ाया। इसके साथ ही सेना की ओर से ४४ लाख देने की घोषणा की।
इस महत्वपूर्ण खबर ने विन्ध्य के सभी अखबारों में प्रथम पेज में प्रमुखता से जगह पाई लेकिन रोज शहादत की तमाम खबरे देने वाले स्टार समाचार के प्रथम पेज में कही इसका उल्लेख तक नहीं मिला। यही हाल नई दुनिया का भी रहा। स्थानीयता को प्रथम पृष्ट पर वरीयता के लिये पहचाने जाने वाले अखबार से यह खबर गायब होना थोड़ा अचंभित कर गया। सबसे बढ़िया कव्हरेज दैनिक जागरण ने दिया तो इसी खबर को भास्कर ने भी प्रमुखता से स्थान दिया है।

Tuesday, January 8, 2013

भास्कर मालिक अजय अग्रवाल का दम

हड्डियों तक पहुंचने वाली ठंड से सतना का मीडिया जहां कंपकंपा रहा है इसके विपरीत दैनिक भास्कर के मालिक अजय अग्रवाल का पारा उछला हुआ है। हमें भेजे गये मेल में बताया गया है कि विगत सप्ताह उनके दफ्तर के सामने खुले दैनिक जागरण के एक वरिष्ठ का पंगा उनके वाहन चालक से क्या हुआ कि मामला गाली गलौज तक पहुंच गया। दोनों ने एक दूसरे को जम कर गालियां दी। मामला अजय अग्रवाल तक पहुंचा तो उनका भी जमीन जागा कि उनके चालक को कोई कैसे दम दे सकता है सो उन्होंने वरिष्ठ का पारा ठंडा तो किया ही इसकी सूचना थाने में दी और पुलिस अधीक्षक को भी बताया। मेल में बताया गया है कि इस शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच करने भी पहुंची थी। इसी तरह एक अन्य मेल में बताया गया है कि संपादक के खास माने जाने वाले आशीष पाठक को नशे में धुत्त पाकर अजय अग्रवाल ने जमकर लताड़ा और भला बुरा कहा। इसी दौरान उनके पीछे चल रहे त्रिपाठी जी ने किसी तरह खुद को वहां से बचाया। मेल में कहा गया है कि इन दिनों भास्कर में कार में शराबखोरी का दौर चलता है।

Saturday, January 5, 2013

नगर निगम कर्मी बीएन सिंह छेड़खानी करने पर पिटा

एक ओर दिल्ली रेप के बाद जहां पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर आवाज उठने लगी है और पुलिस प्रशासन सजगता की बात कर रहा हैं वहीं सतना में ऐसा नहीं हो पा रहा है। महिला हिंसा के मामले में जीआरपी ने जिस तरीके से चुप्पी साधी है वह बड़े लेनदेन की ओर इशारा कर रहा है। हमे भेजे मेंल में बताया गया है कि शनिवार की शाम को रेलवे स्टेशन में नगर निगम का कर्मचारी बीएन सिंह नशे की हालत में रिजर्वेशन काउंटर में पहुंचा हुआ था। इसी दौरान उसकी नजर वहां बैठे एक युवती पर पड़ी जो अकेली थी। बीएन सिंह वहां जाकर उसके पास बैठ गया और जब कुछ देर उसे अकेला बैठा पाया तो उसके साथ छेड़खानी करने लगा। लेकिन वह महिला अकेले नहीं थी, उसका फौजी पति भी उसके साथ था जो टिकट कटा रहा था। बीएन सिंह की हरकत पर महिला के चिल्लाने पर पति तुरंत वहां पहुंचा और बीएन सिंह की जमकर धुनाई कर दी और इसकी जानकारी जीआरपी को दी। जीआरपी भी मौके पर पहुंची और बीएन सिंह का मेडिकल परीक्षण कराया। इस दौरान तक बीएन सिंह ने घटना से नगर निगम अतिक्रमण प्रभारी रमाकान्त शुक्ला को अवगत कराते हुए मदद की गुहार लगाई। हुआ भी वही यहां रमाकांत शुक्ला के लिये महिला की इज्जत से ज्यादा बीएन सिंह की इज्जत लगी और लेदेकर जीआरपी से बीएनसिंह को छुड़ा लिया। इस मामले में मीडिया भी सौदेबाजी का हिस्सा बना है।

Friday, January 4, 2013

सांसद के खेल में फंसे सतना के पत्रकार

सतना के मीडिया का दिमागी दिवालियापन उस वक्त सामने आ गया जब पूरा का पूरा मीडिया सांसद की खेल पालिटिक्स में फंसा नजर आया। 5 जनवरी को बसपा के प्रभावशाली नेता सुखलाल कुशवाहा ने विवादास्पद और राजनीतिक मायनों से भरा शूद्र महासम्मेलन का आयोजन किया था। पूर्व घोषित इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक जगत में काफी हलचल रही और सभी की निगाहें इस सम्मेलन पर रही। लेकिन सतना की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले सांसद गणेश सिंह ने एन वक्त पर तुरुप का इक्का खेला और उसमें पूरा मीडिया जगत फंस गया। जिस 12 बजे से 5 जनवरी को शूद्र महासम्मेलन का आयोजन था ठीक उसी समय पर सांसद गणेश सिंह ने धवारी स्टेडियम में पत्रकारों के बीच मैच का आयोजन करवा दिया। इसमें दोनों टीमें पत्रकारों की होंगी और इसका समय भी 12 बजे से रखा। अब सभी समझ सकते हैं कि सतना का ज्यादातर मीडिया शूद्र महासम्मेलन के वक्त धवारी में होगा और सम्मेलन से मीडिया की निगाहें हट जायेंगी या उसके निहितार्थ और असर पर मीडिया की प्रभावी नजर नहीं रह जायेगी। कुल मिलाकर सांसद की क्रिकेट पालिटिक्स में मीडिया क्लीन बोल्ड हो गया और सांसद ने एक तीर से कई निशाने साध लिये।