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Wednesday, October 27, 2010

सांसद गणेश सिंह जी हर चीज दुकान नहीं होती, जनहित प्राथमिक होता है


सांसद गणेश सिंह ने खजुराहो समिट के माध्यम से करोड़ों के सपने बुनने शुरू कर दिये हैं और तालाब खुदने से पहले ही अपने मगर छोड़ दिये हैं। सतना के हितैषी बने गणेश सिंह ने अब बयान मीडिया में देना शुरू कर दिया है कि अब बस यहां और सीमेन्ट फैक्ट्री नहीं चाहिये। इसकी मूल वजह है कि फैक्ट्रियों को अपना सबसे बड़ा विरोधी सांसद नजर आयेगा और इसे पांच लाख की जनता का प्रतिनिधि मानते हुए वे बड़ी सौदेबाजी की पहल रखेगी। फिर करोड़ों का सौदा होगा और हमेशा की तरह गणेश सिंह फायदा लेकर शांत हो जायेंगे।
जनहितैषी सांसद गणेश सिंह के मुंह में तब दही जम गया था जब प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में कई मजदूर घायल हुए थे। तब सांसद ने सुरक्षा जांच की अनदेखी करने पर आवाज क्यों नहीं उठाई। प्रिज्म सीमेंट अपना गंदा पानी अंडरग्राउण्ड तरीके से टमस में छोड़ कर जल दूषित कर रही है यह सांसद को नजर नहीं आता। यहां की सीमेंट फैक्ट्रियों की वजह से आसपास की खेती चौपट हो गई है यह उन्हें नहीं दिखता।
सतना नगर की जनता का पानी सतना सीमेंट फैक्ट्री को जा रहा है वह आपको नहीं दिख रहा और हर गरमी में आप गला फाड़-फाड़ कर चिल्लाते है और झूठा बयान देकर अपना ढोल पीटते हैं कि अब टमस में लोअर पुरवा नहर का पानी गिर जायेगा। सांसद जी बस कीजिये जनता की भावनाओं से खिलवाड़। अभी भी एक्वाडक्ट से पानी नदी में नहीं गिरा है। तब आप चुप्पी क्यों साध गये जब फैक्ट्री की वजह से नहर की दिशा बदली क्योंकि आपके मुंह में भी शायद वही ताला लगाया गया जो फैक्ट्रियां नोटों की गड्डी देकर दूसरों की जुबान बंद कर देती है।

गणेश सिंह जी आप सांसद हैं आपकी जिम्मेदारी पहले यह है कि यहां जो गलत हो रहा है उसे तो देखिये। बाकी जनता खुद आने वालों को देख लेगी। अभी आप अकेले ठेकेदार न बने, जनमत बनाएं। बाकी जनता भी जानती है कि आपने गोटी खेल दी है।
रही सही कुछ अखबार आपकी लाइजनिंग में जुट ही गये है। वे भी अपनी रोटी सेंक लेंगे। जनता की न आप सोच रहे न अखबार।
न्यूज पोस्टमार्टम की खुद की राय है। जरूरी नहीं है कि यह सही ही हो। लेकिन यह जन भावनाओं के आधार पर बनाई गई है।

Sunday, October 24, 2010

भास्कर के दफ्तर में औदीच्य व कमलेश में गाली गलौज

हमें भेजे मेल में बताया गया है कि विगत दिवस दैनिक भास्कर के दफ्तर में सेमरिया एक्सप्रेस के संपादक व संचालक शरद औदीच्य व भास्कर के रिपोर्टर कमलेश चौबे के बीच जमकर गाली गलौज हुई है। मेल में बताई जानकारी के अनुसार शरद औदीच्य किसी काम से भास्कर कार्यालय गये थे। उसी वक्त वहां का रिपोर्टर कमलेश चौबे भी पहुंचा। कमलेश चौबे की औदीच्य से सेमरिया एक्सप्रेस में छपने वाली खबरों से पुरानी खुन्नस चली आ रही है। इसी को लेकर वह अपने कार्यालय में ही औदीच्य से गालीगलौज करने लगा। मामला बिगड़ता इससे पहले ही वहां के जीएम पुष्पराज सिंह सहित कई लोगों ने पहुंच कर दोनों को अलग कराया। मेल में बताया गया है कि बाद में सिविल लाइन पुलिस को बुलाया गया है।

Wednesday, October 20, 2010

स्टार समाचार में फेरबदल शुरू

स्टार समाचार में फेरबदल का दौर शुरू हो गया है। अखबार जगत में चर्चा है कि मालिकान ने अखबार के लिये जो अपेक्षा की थी अखबार में उस स्तर की खबरें नहीं आ रही थी। अखबार नकारात्मकता के लिये चर्चित हो रहा था। इसको देखते हुए अखबार में फेरबदल की जाने की शुरूआत हो गई है। इसकी सबसे पहली गाज सिटी चीफ का कार्यभार देख रहे निरंजन शर्मा पर गिरने की चर्चा है। अब सिटी का प्रभार किसी दूसरे को िदया गया है तथा निरंजन शर्मा सिर्फ स्पेशल रिपोर्टिंग करेंगे। चर्चा है कि सिटी में अखबार बढ़ाने व खबरों को और बेहतर करने का जिम्मा शक्तिधर पाण्डेय को िदया जा सकता है।
संबंधित लिंक के लिये यहां क्लिक करें (clickhear)

Monday, October 18, 2010

बी.टीव्ही के भूप सिंह ने खबर पर की सौदेबाजी

पत्रकारिता के नाम पर सौदेबाजी के लिये बदनाम सतना के स्थानीय चैनल में एक नया खुलासा हुआ है। इसमें हमें भेजे मेल में बताया गया है कि सिविल लाइन के समीप स्थित बीटीवी चैनल के संचालक और सरकारी शिक्षक भूप सिंह ने एक खबर रोकने के नाम पर पतेरी के मेडिकल स्टोर संचालक से 6 हजार रुपये की सौदेबाजी की है. बताया गया है पतेरी चौराहे में स्थित ऋतुराज मेडिकल स्टोर के संचालक राजकुमार पाण्डेय से खफा कुछ पतेरी के ही लड़कों ने बीटीवी के कैमरामैन हीरेन्द्र सिंह से सांठगांठ कर कोरेक्स की खरीदी की वीडियोग्राफी करवाई। इसके बाद हीरेन्द्र ने सौदेबाजी शुरू की 10 हजार से बात शुरू हुई थी तभी इस मामले में संचालक ने राजू गढ़िया नामक पत्रकार से चर्चा की यहां से बात बनती न देख उसने धवारी के पालन चतुर्वेदी से इस मामले को सुलझाने की बात कही। बताया गया है पालन ने बीटीवी के संचालक भूप सिंह से जब बात की आशा के विपरीत भूप सिंह भी सौदेबाजी की बात पर उतर आये। मेल में बताया गया है कि इसके बाद राजकुमार पाण्डेय को बीटीवी के आफिस में बुलाया गया। जहां उससे कहा गया कि कैमरामैन और रिपोर्टरों को पेट्रोल मोबाइल और वेतन देना पड़ता है। उनकी जरूरत के अनुरूप आप देख ले। तमाम चर्चा के बाद सौदा 6 हजार में टूटना बताया जा रहा है। बताया गया है कि भूप सिंह ने अंत में 6 हजार रुपये राजकुमार पाण्डेय से बसूल कर खबर का प्रसारण गायब करवा दिया।

Saturday, October 9, 2010

पत्रकार गिरोह ने स्कूलों से बसूले पैसे

हमें भेजे एक मेल में बताया गया है कि एक पत्रकार गिरोह ने विगत दिवस स्कूलों से जमकर पैसे की वसूली की है। इस बारे में मेल में बताया गया है कि स्कूलों की मान्यता संबंधी मामले पर पूरा खेल खेला गया है। जिन स्कूलों की मान्यता नहीं थी उन पर ही सारा वसूली का खेल हुआ है। इसमें एक प्रादेशिक इलेक्ट्रानिक चैनल का पत्रकार भी शामिल बताया जा रहा है शेष स्थानीय व दलाली के चैनल वाले बताये गये है।

Friday, October 8, 2010

दैनिक भास्कर में श्रम विभाग का छापा

आप को यह जानकर आश्चर्य होगा कि सतना के नम्बर वन दैनिक भास्कर अखबार में मात्र आठ लोग काम करते हैं या कह सकते हैं कि आठ लोग ही इतना बड़ा अखबार सतना से निकालते हैं। जी हां. यह असत्य बयानी हम नहीं खुद दैनिक भास्कर का मैनेजमेंट कर रहा है। यह जानकारी हमें एक मेल से भेजी गई है। इसमें बताया गया है अखबार प्रबंधन यह गलत जानकारी तब दी है जब अपने एक कर्मचारी को नियमविरुद्ध तरीके से निकाल दिया. इस पर उस कर्मचारी ने श्रम विभाग सहित कोर्ट में अखबार प्रबंधन को घसीट लिया और इसी मामले में भास्कर से उसके कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली गई। इस पर जब गलत जानकारी दी गई तो श्रम विभाग के अधिकारियों ने अखबार के दफ्तर में छापे की कार्यवाही कर दी। यहां भी प्रबंधन ने उस दिन अपने कर्मचारियों के आने का समय बढ़ा दिया। इस पर छापा मारने गये अधिकारियों ने जब धमकी दी की अगले दिन मैं अब शाम से लेकर सुबह तक बैठकर देखूंगा की कैसे आठ आदमियों में पूरा अखबार छापते हो तब जाकर प्रबंधन को अपना ऊंट पहाड़ के नीचे नजर आया और उसने सही जानकारी देने की बात कही। मेल में बताया गया है कि अब शायद प्रबंधन ने कर्मचारियों की सही संख्या बता दी है।

Wednesday, October 6, 2010

एनडीटीवी का कथित पत्रकार बिजली चोरी में पकड़ाया

हमें भेजे गये एक मेल में बताया गया है कि विगत दिवस सतना में खुद को एनडीटीवी का रिपोर्टर बताने वाला पत्रकार बिजली चोरी करते पकड़ा गया. मेल में बताया गया है कि बाहर की विद्युत विभाग की टीम ने उनके घर में छापा डाला और व्यापक पैमाने पर विद्युत चोरी पकड़ी। इस पर उनकी पत्रकारिता काम न आयी और विद्युत विभाग ने बिजली चोरी का प्रकरण तैयार कर दिया। मेल में बताया गया है कि प्रकरण दर्ज होते ही पत्रकार को जमानत करानी पड़ी है।