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Friday, April 30, 2010

सांसद के भाई की गुण्डागर्दी

इस दिनों सांसद गणेश सिंह के भाई उमेश सिंह लाला की गुण्डागर्दी चरम पर है. पूर्व में भी अपने सांसद भाई के नाम पर हीलहुज्जत के लिये बदनाम उमेश सिंह लाला जनपद सदस्य रामपुर बाघेलान बनने के बाद और ही बेकाबू हो गये हैं. इसका परिणाम है कि वे अपने को अब भाजपा का भगवान तक कहने लगे हैं. इसी का नतीजा है कि अभी हाल ही में उनका विवाद अपनी ही पार्टी के अरविंद सिंह पप्पू से हो गया है. विवाद बहस तक न होकर गालीगलौज तक पहुंच चुका है. लेकिन मजे की बात तो यह रही कि अरविंद सिंह ने यह बाते रिकार्ड कर ली हैं जिसमें लाला न केवल सांसद से भाई होने की धौस दे रहा है वरन सांसद के प्रदेश स्तर के पद को लेकर भी चेता रहा है. हालांकि इस मामले में छत्रपाल सिंह छत्तू ने अरविंद की ओर से लाला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चर्चा है कि यह मामला प्रदेश स्तर तक जा रहा है. लाला की इन दिनों बढ़ रही गुण्डागर्दी के चलते सांसद की इमेज का ग्राफ बड़ी तेजी से नीचे गिर रहा है. उनके साथ भी वही स्थितियां बन रही हैं जो कभी विधायक शंकरलाल जी की उनके पुत्र राजा के कारण बनी थी.
पेश है लाला की गुण्डागर्दी का नमूना





Tuesday, April 20, 2010

रीवा कलेक्टर का तबादला सतना को अभयदान

कलेक्टर सतना को उनके एक साल में किये गये कामों और शासन व सत्ता के बीच बेहतर समन्वय का ईनाम आखिर जारी तबादला सूची में मिल गया है. इसमें तमाम कयासों के बीच आखिर सतना कलेक्टर का नाम नहीं है और यही अपनी सेवाएं देंगे.

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Monday, April 19, 2010

अधिकारी का महिला कर्मी के साथ दौरा

इन दिनों सतना शहर से प्रकाशित एक अखबार के आला अधिकारी का अपने ही अखबार में काम कर रही महिला कर्मचारी का काम ज्यादा पसंद आ गया है. अब तो हालात यहां तक हो गये हैं कि साहब जब कभी बाहर जाते हैं तो उसकी कार्यक्षमता को देखते हुए अपने साथ ले जाना नहीं भूलते. बहरहाल हमेशा मर्यादित रहने वाले इस अखबार में अधिकारी कर्मचारी का यह स्नेह जहां चर्चा का विषय बना है वहीं उस अखबार के कर्मचारी इस कथा को कुछ और ही बता रहे हैं.

Wednesday, April 14, 2010

पूर्व एसपी पाराशर भारी पड़ रहे यादव पर

सतना शहर वासियों को इन दिनों पुलिस महकमें की हलचल कुछ ज्यादा देखने को मिल रही है तथा हमेशा आंख बंद कर के अपराध क्षेत्र से गुजर जाने वाले पुलिस कर्मचारी ताबड़तोड़ छापेमारी में जुट गये है. यही वजह है कि दो दिन पहले शहर के ज्यादातर शराबखानों में छापे डाले गये तो जुआरियों व सटोरियों पर भी निगाहें टेढ़ी कर ली गई है. लेकिन यह रवैया पुलिस का बदला कैसा इसकी भी कहानी कुछ कम नहीं है. दरअसल यह सब हुआ है महकमे के माइक टू अर्थात एडीशनल एसपी द्वारा विगत दिवस बाज टीम की ली गई क्लास के बाद. बताया जा रहा है कि एसपी को किसी परिचित ने जब यह कहा कि आपके समय से ज्यादा ठीक तो पूर्व एसपी पाराशर जी के समय था. तब इतनी सुस्ती नहीं थी. फिर क्या था अपने ही सामने किसी दूसरे एसपी की बड़ाई और अपनी बुराई महाशय को रास नहीं आई और आनन फानन में अपने अधीनस्थ अधिकारी को व्यवस्था सुधारने कह दिया. फिर क्या था आदेश की तामीली में एडीशनल एसपी ने बाज टीम की मीटिंग रखी और उन्हें सख्त निर्देश जारी कर डाले. उधर कार्यवाही हुई और उसका असर अवैध कारोबारियों पर तो दिखा साथ ही संबंधित थानों के टीआई पर भी स्पष्ट दिखा और वे इस जुगाड़ में जुट गये हैं कि यह मुहिम कैसे रुके.

टेंडर घोटाला

हालांकि हम यह वेबसाइट सतना जिले पर केन्द्रित किये हुए थे लेकिन इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है और हमें विभिन्न जगहों से खबरे मिलने लगी हैं. इस कड़ी में हमें भिलाई नगर निगम में घोटाले की एक खबर मेल द्वारा भेजी गई है इसमें नगर निगम में किये गए निविदा घोटाले का पर्दाफाश किया गया है.
इसमें बताया गया है कि नगर निगम भिलाई में खेल उपकरणों के क्रय के लिये टेंडर प्रक्रिया आयोजित की गयी थी जहां इस प्रक्रिया से जुड़े जीएस ताम्रकार द्वारा लंबा लेन देन किया जाकर छत्तीसगढ़ भंडार के अधिनियम को ताक में रखकर टेंडर खोला गया. यहां सिर्फ दो टेंडर फार्म ही बुलाए जाकर निविदा स्वीकृत कर दी गयी और इसकी सूचना पहले ही निगम आयु्क्त को दी जा चुकी थी तथा श्री ताम्रकार को इस प्रक्रिया से अलग रखने को कहा गया था लेकिन निगमायुक्त द्वारा इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया. बताया गया है कि टेंडर फार्म भी भी सिर्फ दो संस्थाओं को दिये गये वह भी आखिरी दिन ही जारी किये गये. जबकि इसके पूर्व जो लोग टेंडर फार्म लेने गये उन्हें यह कह कर बरगला दिया गया कि अभी टेंडर फार्म तैयार नहीं हुए है. इससे इस मामले में लम्बा लेनदेन किया जाकर निविदा प्रक्रिया आयोजित की गयी है.