इन दिनों सतना शहर में सीमेन्टेड सड़कों के उपर
डामर बिछाया जा रहा है। दो तीन साल पहले 20 साल की गारंटी पर नगर निगम द्वारा
बनवाई गई इस सीमेन्ट-कांक्रीट सड़कों की हालत अभी बेहतर है लेकिन इसके उपर एक बार
फिर से डामर बिछाने को महज पैसे का दुरुपयोग ही माना जा सकता है वह भी तब जब शहर
की आधे से ज्यादा सड़कों को अभी पक्का या डामरीकृत होने का इंतजार है। लेकिन कुछ
ठेकेदार व महापौर की मिलीभगत से हो रहे इन कामों को दैनिक भास्कर ने जिस तरीके से
सामने लाने का साहस किया है उससे यह तो अब साबित होने लगा है कि यह अखबार सतना शहर
के जन सरोकारों का सही हितैषी है। नारेबाजी में अपने आपको जन सरोकारी कहने वालों
की चुप्पी पर जनता की नजर तो है ही लेकिन अब शहर की जनता को भास्कर से ही आशा है
कि शायद वह बाईपास शहर वासियों को दिला सकेगा।
शहर की जनता ने जिस तरीके से पुष्कर सिंह तोमर को महापौर के रूप में देखा था अब वही जनता इन दिनों नगर निगम में होने वाले कामों से आजिज नजर आ रही है। कागजी व दिखावे के विकास में ज्यादा रुचि दिखाने के कारण महापौर की शहर वासियों के बीच उनकी निगेटिव छवि बन रही है।
sabse brast mahapour hai pusker apne bai sudhir ki compani kamad giri ko theka deker janata ke paise ki loot machaye hai
ReplyDeletehar kam me kamisiom khata hai pusker
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