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Friday, May 18, 2012

धर्मेन्द्र सिंह हत्याकाण्ड- स्लेटी कलर की इंडिका में भागा था राजा

हमे भेजे गये मेल में बताया गया है कि बाबूपुर में हुए हत्याकाण्ड में चार लोग मरे हैं। जमीन को लेकर हुए विवाद में मरने वालों में एक पक्ष से भाजपा नेता व पूर्व पार्षद तथा इन दिनों संघ के श्रीकृष्ण माहेश्वरी का करीबी धर्मेन्द्र सिंह घूरडांग, उसके दो सगे भांजे बिप्पू सिंह और बिन्नू सिंह है। दूसरे पक्ष से मरने वाले में जगन कोल है।
मेल में बताया गया है कि जब बाबूपुर में खूनी संघर्ष हो रहा था उस वक्त वहां पर राजा भी था। उस दौरान उसके पास दो पिस्टल रही हैं। एक उसकी खुद की लाइसेंसी और दूसरी गैर लाइसेंसी। जब आदिवासियों ने राजा को देख लिया तो उसके पीछे भी भागे। हालात के मद्देनजर राजा ने वहां से दौड़ लगा दी। हालांकि इस दौरान राजा के हाथ व शरीर में कुछ डंडे पड़े हैं और कंधे के नीचे बांह में सूजन है। इस दौरान उसने अपने साथ रखी पिस्तौल से चार गोलियां भी दागी। हालांकि आदिवासियों ने उसका पीछा जारी रखा और सतना-अमरपाटन रोड आने तक राजा दौड़ता ही रहा। इसके बाद राजा ने एक बस रुकवाई और उसमें बैठकर भटनवारा तक आया। यहां पर वह उतर गया और ओर एक होटल में जाकर पनाह ली। इस दौरान तक वह सतना अपने साथियों को सूचित कर चुका था। इसके बाद एक एक स्लेटी कलर की इंडिका में उसे लेने एक मुसलमान पहुंचा था जिसके साथ राजा सतना पहुंचा।

घटना की वजह
घटना की शुरुआत बुधवार की रात से होती है। यहां पर रात से ही डामर रोड से लगी सरकारी जमीन पर स्थानीय आदिवासियों द्वारा कब्जे की नीयत से 50 से 60 की संख्या में लकड़ी के चार खंभे और ऊपर टटिया, प्लास्टिक, त्रिपाल आदि लगाकर झोपड़ा बनाते हैं। इसकी जानकारी गुरुवार को धर्मेन्द्र सिंह को होती है और वह गुरुवार की रात को अपने साथियों को भेज कर यहां की जमीन खाली करने की धमकी दिलवाता है। जिसमें कहाजाता है कि रात को यह जमीन खाली कर दो नहीं तो सुबह सब जला देंगे। इस दौरान वहां चार पांच हवाई फायर किये गये।
की बातचीत की तैयारी 
धमकी से घबराये आदिवासियों ने रात में ही निर्णायक लड़ाई की तैयारी कर ली। उन्होंने अपनी ओर से बातचीत के लिये जगन कोल को चुना। अगली सुबह पूरे लोग इक्कठा होकर वहीं सरकारी जमीन पर बैठ गये थे।
पहली गोली बिप्पू ने चलाई 
रात की धमकी के बाद अगले दिन धर्मेन्द्र सिंह अपने भांजों व अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचा। इस दौरान पहुंचते ही उसने सरकारी जमीन में तनी कुछ झोपड़ियों में आग लगानी शुरु की तो वहां बैठे आदिवासी उसके पास आये जिसमें आगे जगन कोल था। इसके बाद इन लोगों ने ऐसा न करने की बात कही तो धर्मेन्द्र सिंह ने जगन को नेतागिरी न करने की धमकी के साथ गाली दी। इस दौरान बहस बढ़ती गई और आवेशित जगन का धीरज जवाब दे गया और उसने धर्मेन्द्र सिंह की कालर पकड़ ली। यह देखते ही पास खड़े बड़े भांजे दिप्पू  ने जगन पर गोली चला दी। गोली लगते ही लगते ही जगन नीचे गिरा। इसके साथ ही हालात बेकाबू हो गये। भीड़ तंत्र हावी हो गया और सभी ने शहर के गुण्डों को घेर लिया। इस दौरान धर्मेन्द्र ने अपने बचाव में एक गोली चलाई जो उसकी आखिरी गोली थी इसके बाद उसे दूसरा फायर करने का मौका नहीं मिला औरपत्थर लाठियों की मार के बीच भागते भागते सड़क के किनारे की नाली में गिर पड़ा। फिर भी लोग तब तक मारते रहे जबतक वह मर नहीं गया। यही हश्र उसके दोनों भांजों का हुआ।
नीचे नहीं उतरा था ड्राइवर 
इस पूरे घटनाक्रम में ड्राइवर स्कार्पियो में ही बैठा रहा। वह नीचे नहीं उतरा था। राजा इन लोगों से लगभग 30 फीट की दूरी पर खड़ा था। इसी दूरी पर अन्य लोग भी खड़े थे।
माहेश्वरी भी है जमीन के पार्टनर
मेल में बताया गया है कि यहां की जमीन के साइलेंट पार्टनर संघ के पदाधिकारी  भी हैं। इन दिनों माहेश्वरी जमीनों और खदान के कारोबार में जुड़े हैं। ऐसे ही एक जमीन इनकी जोड़ी ने लखनवाह में भी ली है। यहां पर भी ऐसा ही विवाद तैयार हो रहा था और वहां पर भी खूनी खेल होता। संघ के नाम पर भाजपा के कंधे पर सवार यह माहेश्वरी इन दिनों जिले में जमीन का सबसे बड़ा काला कारोबारी है जो सामने से सफेदपोश बने है लेकिन इसके पीछे काफी काले धंधे हैं।

1 comment:

  1. Raja ka poora naam to lijiye sir ,kaun hai yeh Raja , Raja Tiwari (satna mla son) or Raja maheshwari?

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