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Wednesday, January 27, 2010

गणतंत्र दिवस पुरस्कारः अंधे ने बांटी रेवड़ी

गणतंत्र दिवस के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिये पुरस्कार देने में मुंहदेखी और चापलूसी की पराकाष्ठा पार कर दी गयी. मसलन इस मौके पर पुलिस विभाग के सभी थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों को किसी न किसी कार्य के लिये सम्मानित किया गया. कलेक्ट्रेट एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को गणतंत्र दिवस पर पुरस्कार देने में सावधानी बरतते हुए किसी को पुरस्कृत नहीं किया गया. इनमें केवल महिला बाल विकास अधिकारी को जनसुनवाई में सर्वश्रेष्ठ निराकरण के लिये पुरस्कृत करना बताया गया जबकि वास्तविकता यह है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के भर्ती के संबंध में जनसुनवाई में हजारों की तदाद में शिकायती पत्र प्राप्त हुए जिनका निराकरण अभी लंबित है फिर भी जनसुनवाई में श्रेष्ठ कार्य के लिये पुरस्कृत किया गया. इसी प्रकार से पुलिस विभाग में अपने चहेते एवं खास किस्म के अधिकारियों को किसी न किसी बहाने पुरस्कृत किया गया. मंच संचालक द्वारा जब उन अधिकारियों के सर्वश्रेष्ठ कार्य एवं उपलब्धियों के बारे में बखान किया जाता रहा तब उपस्थित जनसमुदाया में कानाफूसी और हास्यास्पद स्थिति बनी रही. उदाहरण बतौर सिटी कोतवाली के टीआई विमल श्रीवास्तव को चुनाव के दौरान सतना शहर में शांति और व्यवस्था अपराधों के नियंत्रण बनाये रखने के कार्य में पुरस्कृत किया गया जबकि चुनाव के दौरान शहर में एक ही रात में पांच पांच दुकानों के ताले चटकाए गये, कोतवाली के बगल में दोहरा हत्याकाण्ड हुआ, धवारी में गुटीय संघर्ष हुआ इसी प्रकार शहर की चरमराई यातायात व्यवस्था, बाजारों में पल पल लगने वाले जाम की स्थिति और ओव्हर ब्रिज पर झूलते हुए ट्रक और बसों के बीच आये दिन रिकार्ड बना रही सड़क दुर्घटनाओं के माहौल में सुदृढ़ यातायात व्यवस्था के लिये यातायात सूबेदार लाल बहादुर बौद्ध को पुरस्कृत किया गया. अधिकारियों के चमचा गिरी करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की हद तब पार हो गई जब जिला पंचायत सीईओ आशीष कुमार ने अपने अंगरक्षक को जिला पंचायत की सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सम्मानित करवाया. समग्र स्वच्छता अभियान के स्तर हीन झांकी प्रदर्शत होने के बाद भी इस झांकी को द्वितीय स्थान दिला कर परियोजना अधिकारी अजय सिंह के साथ सीईओ जिला पंचायत आशीष कुमार स्वयं प्रमाण पत्र लेने समारोह मंच पर पहुंच गये. जिला पंचायत के प्रभारी अध्यक्ष कमलेश्वर सिंह, सदस्य दिलीप मिश्रा किरण सेन, प्रागेन्द्र बागरी सहित अनेक जिला पंचायत सदस्य निर्मल ग्रामों के पालक होने के नाते निर्मल पुरस्कार की चाह लिये गणतंत्र दिवस समारोह में पूरे समय तक उपस्थित रहे लेकिन इन्हे निराशा ही हाथ लगी.

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