सांसद गणेश सिंह ने खजुराहो समिट के माध्यम से करोड़ों के सपने बुनने शुरू कर दिये हैं और तालाब खुदने से पहले ही अपने मगर छोड़ दिये हैं। सतना के हितैषी बने गणेश सिंह ने अब बयान मीडिया में देना शुरू कर दिया है कि अब बस यहां और सीमेन्ट फैक्ट्री नहीं चाहिये। इसकी मूल वजह है कि फैक्ट्रियों को अपना सबसे बड़ा विरोधी सांसद नजर आयेगा और इसे पांच लाख की जनता का प्रतिनिधि मानते हुए वे बड़ी सौदेबाजी की पहल रखेगी। फिर करोड़ों का सौदा होगा और हमेशा की तरह गणेश सिंह फायदा लेकर शांत हो जायेंगे।
जनहितैषी सांसद गणेश सिंह के मुंह में तब दही जम गया था जब प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में कई मजदूर घायल हुए थे। तब सांसद ने सुरक्षा जांच की अनदेखी करने पर आवाज क्यों नहीं उठाई। प्रिज्म सीमेंट अपना गंदा पानी अंडरग्राउण्ड तरीके से टमस में छोड़ कर जल दूषित कर रही है यह सांसद को नजर नहीं आता। यहां की सीमेंट फैक्ट्रियों की वजह से आसपास की खेती चौपट हो गई है यह उन्हें नहीं दिखता।
सतना नगर की जनता का पानी सतना सीमेंट फैक्ट्री को जा रहा है वह आपको नहीं दिख रहा और हर गरमी में आप गला फाड़-फाड़ कर चिल्लाते है और झूठा बयान देकर अपना ढोल पीटते हैं कि अब टमस में लोअर पुरवा नहर का पानी गिर जायेगा। सांसद जी बस कीजिये जनता की भावनाओं से खिलवाड़। अभी भी एक्वाडक्ट से पानी नदी में नहीं गिरा है। तब आप चुप्पी क्यों साध गये जब फैक्ट्री की वजह से नहर की दिशा बदली क्योंकि आपके मुंह में भी शायद वही ताला लगाया गया जो फैक्ट्रियां नोटों की गड्डी देकर दूसरों की जुबान बंद कर देती है।
गणेश सिंह जी आप सांसद हैं आपकी जिम्मेदारी पहले यह है कि यहां जो गलत हो रहा है उसे तो देखिये। बाकी जनता खुद आने वालों को देख लेगी। अभी आप अकेले ठेकेदार न बने, जनमत बनाएं। बाकी जनता भी जानती है कि आपने गोटी खेल दी है।
रही सही कुछ अखबार आपकी लाइजनिंग में जुट ही गये है। वे भी अपनी रोटी सेंक लेंगे। जनता की न आप सोच रहे न अखबार।
न्यूज पोस्टमार्टम की खुद की राय है। जरूरी नहीं है कि यह सही ही हो। लेकिन यह जन भावनाओं के आधार पर बनाई गई है।