"150 करोड़ की जमीन का छल" को अपनी खास खबर बताने वाले स्टार समाचार मंगलवार 16 नवम्बर को बैकफुट पर नजर आने लगा है। हालत यह है कि खबर के असर के नाम पर रिपोर्टर खुद अपना बचाव करता नजर आ रहा है। 11 नहीं तो चार ही सही के सब हेड में रिपोर्टर ने चालाकी से यह लिख दिया है कि 11 एकड़ 66 डिसमिल जमीन वापस पाना संभव नहीं है, साथ ही यहां चालाकी से इस बात से किनारा कर लिया कि क्यों संभव नहीं है। फिर सवाल है कि यदि जमीन महाराजा ने दी थी तो वह निगम की है, या फिर जमीन नहीं दी तो 150 करोड़ का छल वाली खबर गलत है। लेकिन सौदेवाजी होने के बाद रिपोर्टर के आका अब शांत बैठ गये हैं इस लिये साफगोई से स्टार ने ही समाचार छापा कि 11 एकड़ नहीं तो ... । अब स्टार समाचार खुद सवालों के घेरे में हैं कि क्योंकि 11 एकड़ के दस्तावेजों को वो स्वयं अपनी खबर में दिखा चुका है। यदि दस्तावेज सही है तो 11 एकड़ की जमीन निगम को मिलनी चाहिये या फिर वो दस्तावेज गलत रहे ... लेकिन स्टार ने बड़े खुलासे की बात कही है तो फिर 11 एकड़ वापस पाने वो मुहिम क्यों नहीं बना रहा, निगम के अधिकारियों को लपेटे में नहीं ले रहा? अगर निगम 11 एकड़ के लिये कायर्वाही नहीं कर रहा तो स्टार फालोअप दे। उन गायब दस्तावेजों के लिये एफआईआर कराने की मुहिम खोले। यदि स्टार की खबर सही थी तो फिर 11 एकड़ जमीन क्यों वापस निगम को नहीं मिल सकती यह सवाल मीडिया हलके में भी चल निकला है वहीं सौदेबाजी की भी पुष्टि होने लगी है।
दूसरी ओर स्टार समाचार स्वयं इस मामले में एक आरोपी बन गया है। जमीन के मामले में जांच के आदेश में स्टार समाचार ने अंतिम लाइनों में 4 एकड़ की जमीन मामले के ओरिजनल दस्तावेज केवल अपने पास होना स्वीकार किया है। जबकि यह दस्तावेज नगर निगम में होने चाहिये थे। और स्टार स्वयं यह लिख चुका है कि यह दस्तावेज गायब हैं। इससे खुद स्टार आरोपी बन चुका है।
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