दिग्विजय सिंह ने इस बार यह सही कहा है। इसका सीधा साधा उदाहरण देखना है तो सतना में आरएसएस के मध्य क्षेत्र (मप्र-छग) संघ चालक श्रीकृष्ण माहेश्वरी को देख लीजीये। रामवन के नाम पर मतहा रिछहरी को कंगाल कर दिया । इस पैसे से मतहा रिछहरी का विकास होना चाहिये था लेकिन विकास किया रामवन का और श्रेय लिया खुद का जबकि यह पैसा ग्रामीण विकास का है और इसका पूरा श्रेय उस पंचायत के सरपंच और जनपद सीईओ व जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष को जाना चाहिये।
- शहर से अतिक्रमण हटाने की बात कहने वाले श्री कृष्ण माहेश्वरी खुद नाले में अतिक्रमण किये हुए हैं।
- पारदर्शिता की बात करने वाले श्री कृष्ण माहेश्वरी का फिनायल कोई विभाग न ले तो उसकी शामत तय है। इसलिये सतना में 80 फीसदी फिनायल श्री कृष्ण माहेस्वरी का है भले ही वह घटिया क्वालिटी का हो।
- किसी को न सताने व मदद का मुखोटा लगाने वाले श्रीकृष्ण माहेश्वरी अपने गुंडो के दम पर जबरन माकान खाली कराते है। पिछले दिनों ऐसी घटना जगतदेव तालाब के पास घटी।
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यह संघ गाथा के बाद आइये भाजपा गाथा में तो बस स्टैड के पास काफी हाउस के बगल में स्थित होटल चीतल में दारूखोरी से लेकर तमाम दुष्कृत्य होते हैं इसका संचालक सांसद का कितना खास है सारा शहर जानता है लेकिन जय श्री राम इस शासन में सब चलेगा। बजरंग दल में सामिल लोग ही सट्टा कारोबार से जुड़े हैं तो एक नेता दिन में गाय पकड़वाता है रात में सौदा करके उन्ही ट्रक वालों को जाने देता है। फिर भी जय श्री राम के राज में सब जायज है। सही हैं दिग्विजय सिंह।
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भाजपा विधायक शंकरलाल तिवारी कहने को पैदल और मोटरसाइकिल पर चलते हैं लेकिन बड़े भूमाफियाओं के इन दिनों पार्टनर बने हैं। पशुपतिनाथ धाम और टीएमडी में इनका पैसा लगा है। इनका पुत्र विधायकी में कमाए पैसों से खरीदे ट्रकों का संचालन कर रहा है। जय हो ईमानदार विधायक शंकरलाल तिवारी की।
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