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Friday, May 31, 2013

बुरी तरह पिट गया पत्रिका


बुंदेल खण्ड का बाहुबली भेया राजा जिस पर अपनी नातिन पर बलात्कार, गर्भपात और फिर हत्या का आरोप था उसे उम्र कैद की सजा हो गई। यह खबर सतना रीवा पन्ना सहित विन्ध्य के लिये सबसे बड़ी रीडरशिप की खबर थी लेकिन पत्रिका में इसे सिंगल कालम में लगाकर खत्म कर दिया। इसने साबित किया है कि इस अखबार को यहां की रीडरशिप की समझ नहीं है। इस मामले में पत्रिका अखबार सभी अखबारों से बुरी तरह मात खाता दिखा। कुछ ऐसा ही रिजल्ट को लेकर है। न पढ़े जाने वाले पुल आउट के अंदर के पेज पर खबर लगाकर इसे भी रीडरशिप के हाशिये पर डाल दिया गया। वहीं स्टार समाचार ने दोनों खबरों को बेहतर प्रस्तुतिकरण करते हुए अपने को नंबर वन साबित कर दिया।
इसलिये आगे है स्टार और भास्कर
पत्रिका को आये हुए दो माह होने को है लेकिन जो कयास मीडिया जगत में लगाये जा रहे थे वह अब छंटते हुए नजर आने लगे हैं। हालात यह है कि एकल श्रृंखला का स्थानीय अखबार स्टार समाचार आज भी अपना प्रभाव प्रिंट मीडिया में बनाये हुए हैं वहीं दैनिक भास्कर की सेहत पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। अखबार जगत सहित पाठकों के रुझान को समझे तो सतना में पत्रिका बेहतर होते हुए भी चर्चा में नहीं आ पा रहा है। मीडिया विश्लेषक कहते हैं कि पत्रिका आज भी जिले की नब्ज को पकड़ पाने में असफल है। यहां के अनुसार उसका प्रस्तुतिकरण वैसा नहीं हो पाया है जैसा होना चाहिये। आज भी पाठक इस अखबार को ममझ नहीं पा रहे हैं। उन्हें यह नहीं मालूम होता है कि कौन सी खबर कहां मिलेगी। कोई फार्मेट अभी तक तय नहीं होने से अब पाठकों की रुचि वापस पुराने अखबारों की ओर होती जा रही है। खबरें होने के बाद भी यहां की नब्ज के अनुसार उनका प्रस्तुतिकरण नहीं हो पाने से लोग अखबार में रुचि नहीं दिखा रहे न ही इस अखबार की खबरे चर्चा में आ पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की कमजोर पकड़ और अनियमितता भी इस अखबार को कमजोर किये हुए है।
उधर स्टार समाचार अभी भी रुचि के अनुरूप प्रस्तुतिकरण करके अपने को आगे रखे हुए हैं। भास्कर का टेस्ट आज भी जनता में पहले की तरह बना है। कुल मिला कर पत्रिका सबकुछ होते हुए भी बुरी तरह से पिछड़ रहा है।
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नशे में धुत्त पत्रकार, विज्ञप्ति के लिये मारामारी
हमे मेल में बताया गया है कि इन दिनों दैनिक भास्कर अखबार में पत्रकारों के बीच शारब का चस्का काम शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाता है। वहीं यहां अब विज्ञप्ति को लेकर मारामारी मचने लगी। अभी तक संपादकीय प्रभारी और उनके चमचों के शराब के नशे में होने की चर्चा आम थी लेकिन दो और पत्रकार ऐसे आ गये हैं जिनकी शहर में पहचान शराब के लिये ही है। स्थिति यह है कि यहां का न्यूजरूम 9 बजे के बाद से शराब के नशे में डूबा नजर आता है। स्थिति यह रहती है कि काम खत्म होने के बाद भी शराब का यह दौर बना ही रहता है। कमोवेश यही स्थिति स्टार समाचार में भी देखने को मिल रही है। यहां के एक सीनियर पत्रकार को शराबखोरी के चलते बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब यहां नई जनरेशन भी शराब के नशे में डूबी नजर आ रही है। यहां के बारे में मेल में बताया गया है कि यहां का एक नेता पुत्र पत्रकार शाम से ही सर्किट हाउस में शराब पार्टी की तैयारी में जुट जाता है। तैयारी पूरी होने के बाद स्टार का संपादकीय अमला बारी-बारी से जाकर नशे के प्याले उदरस्थ करके काम पर लौट आता है।
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गणेश के अखबार की तैयारी तेज
हमे मेल में बताया गया है कि जल्द ही सतना में सांसद गणेश सिंह जनसंदेश नाम से अपना अखबार लाने जा रहे हैं। इसके लिये तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जल्द ही भर्ती खुलने वाली है. मेल में कहा गया है कि इस अखबार में आने के लिये स्टार से दो संपादकीय के लोगों ने अपना बायोडाटा दे दिया है। इस अखबार की नजर में दैनिक भास्कर के भी तीन लोगों पर है।
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पुष्पराज का बल घटा
दैनिक भास्कर में अंतत: संपादकीय प्रभारी यहां के जनरल मैनेजर को परास्त करने में सफ्ल हो गये हैं। कभी यहां भारी रहे पुष्पराज सिंह अब यहां माटी के माधौ बन कर रह गये है। यहां शक्तिशाली हो कर उभरे विश्वतारा दूसरे को लेकर संपादकीय में ही व्यापक विरोध है। चमचो से घिरे और उनके अनुरूप काम करने वाले को मिलने वाला वर्चस्व यहां काम करने वालों को नागवार गुजर रहा है।

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