Tuesday, June 29, 2010
अबूझमाड़ पीआरओ
जनसंपर्क विभाग का यह दुर्भाग्य है कि इन दिनों जो पीआरओ यहां मौजूद है वह किसी भी तरीके से अपने पद के योग्य नहीं है. न तो इन्हे लिखना आता है न ही सलीके से जानकारी देना. अखबार जगत में इन दिनों चर्चा है कि इनके द्वारा विभिन्न जानकारियों, बैठकों, भ्रमण आदि की जो खबरें भेजी जाती है वह किसी काम की नहीं रहती हैं या फिर सिर्फ एजेण्डे को ही उतार कर भेज देते हैं. ऐसे ही विगत दिवस स्वास्थ्य मंत्री के आगमन पर जो जानकारी इनके द्वारा भेजी गई वह पूरी तरह से कलेक्टर के प्रेस नोट की नकल रही. इन्होने जो स्वास्थ्य मंत्री का भ्रमण भेजा है वह पूरी तरह से गलत है और कलेक्टर के भ्रमण की कापी है. कुलमिलाकर शायद इन्हें या तो मुद्दे व विषय की समझ नहीं है या फिर इन्हें लिखना नहीं आता.
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आप पीआरओ की बात कर रहे हैं आजकल तो कई पत्रकार भी लिखना नहीं जानते हैं। ब्लॉग जगत में तो ऐसे लोगों की भरमार है। बहुत से लोग तो सिर्फ लिखने के लिये लिखते हैं, भले ही उसमें सैकेंड हैंड गाड़ी खरीदने की बात हो या वाशिंग मशीन ठीक होने की या घर में किसी के बर्थ डे की। हरिभूमि अखबार ने 28 जून को अपने संपादकीय पेज पर इस तरह के ब्लॉगरों के बारे में एक व्यंग्य भी छापा है।
ReplyDeletesahi hai ye tv camera wale to kuch likh hi nahi pate lekin chal dete hai patrakar ban kar logo ko chamkane
ReplyDeletesahi kah rahe ho bhaia ye to bahut bada wala hai
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