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Tuesday, October 20, 2009

नवभारत का यू टर्न

निष्पक्ष पत्रकारिता का दम भरने वाले नवभारत अखबार में इन दिनों छपने वाली खबरे अब उसकी निष्पक्षता पर सवालिया निशान उठाने लगी हैं. इसका हालिया ताजा उदाहरण विगत दिवस इसी अखबार में छपी एक खबर में देखने को मिला है. सिटी पृष्ठ पर प्रमुखता से ध्वज हेडिंग के रूप में छापी गई इस खबर ने नवभारत के अपने ही मुद्दे को पलट दिया है. वजह चाहे जो हो लेकिन ग्रामीण विकास से जुड़े विभागों में यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है. इस खबर का मूल यह था कि जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों को जो राशि सीधे जारी की जा रही है उसपर सोहावल सीईओ की आपत्ति. लेकिन जिस तरीके से इस खबर का प्रस्तुतिकण किया गया है उससे खबर पूरी तरह से सीईओ सोहावल पर मेहरबान नजर आयी है. दरअसल अभी तक स्वयं नवभारत अपने इश्यू के तौर पर प्रमुखता से लगातार यह खबरें देता आ रहा था कि ग्राम पंचायतों की राशि जिला पंचायत से जारी की जाय. मुहिम बन चुकी इस खबर में नवभारत ने जहां सीईओ जिला पंचायत, कलेक्टर और संभागायुक्त तक को इससे जोड़ा था. फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि जब उसकी खबर रंग लाने लगी तो सीईओ सोहावल पर मेहरबानी क्यों दिखाई जाने लगी. वजह चाहे जो हो लेकिन नवभारत का संपादकीय विभाग इससे संदेह के दायरे में आ गया है.
यहां एक बात और है जो जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी चर्चा कर रहे हैं वह यह कि अब तक सीईओ सोहावल के प्रति नवभारत के रिपोर्टर का रुख भी काफी कड़ा रहता आया है लेकिन दीपावली के ठीक बाद उसके तरकश से निकले तीर का कमान में आने के बाद दिशा का बदलना दीपावली की शुभकामनाओं से जोड़ा जाने लगा है.

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