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Friday, February 12, 2010

कलेक्टर सुखवीर सिंह सहित 30 आईएएस की फाइल फिर खुलने लगीं

भोपाल में आईएएस दंपत्ति के यहां पड़े छापे के बाद लोकायुक्त सक्रिय हो गया है. उसकी सक्रियता का असर यह है कि एक बार फिर प्रदेश के तमाम आईएएस के भ्रष्टाचार की फाइलों के पन्ने पलटे जाने लगे हैं. इन फाइलों में सतना कलेक्टर सुखबीर सिंह सहित तीस आईएएस अफसरों पर जांच की कार्यवाही अब तेज होगी. पता तो यह भी चला है कि सतना कलेक्टर कि फाइल पर आगामी 25 फरवरी को राजधानी में चर्चा होनी है.
आईएएस के जिन अफसरों पर लोकायुक्त की जांच चल रही है उन अफसरों पर बेईमानी, सरकार को धोखा देने जैसे इल्जाम हैं। इनमें से अधिकांश अफसर तो मंत्रियों की पसंद के हैं।
लोकायुक्त जांच के दायरे में आबकारी आयुक्त अरुण कुमार पांडे, प्रभात पाराशर आयुक्त जबलपुर, मनीष श्रीवास्तव कलेक्टर सागर, लोक निर्माण विभाग के सचिव मोहम्मद सुलेमान हैं तो विवेक अग्रवाल और एसके मिश्रा, जो कि मुख्यमंत्री के सचिवालय में कार्यरत हैं, भी जांच के घेरे में हैं।

रोजगार गारंटी योजना में सीधी के कलेक्टर रहे सुखवीर सिंह, संजय गोयल, डिंडोरी कलेक्टर चंद्रशेखर बोरकर, छिंदवाड़ा कलेक्टर, निकुंज श्रीवास्तव, भिंड कलेक्टर विवेक पोरवाल सहित अन्य जांच के घेरे में हैं। मनीष श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष जिला शिवपुरी पर त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न–पत्र की छपाई में घोटाले का आरोप है। अरुण कुमार पांडे पर अधिकारियों की मिलीभगत से दो करोड़ रुपए का ठेकेदार को लाभ देने का आरोप है।

प्रभात पाराशर (तत्कालीन आयुक्त नगर पालिक निगम, इंदौर) पर वाहन खरीदी में पांच लाख से ज्यादा का भ्रष्टाचार का आरोप है। गोपाल रेड्डी (तत्कालीन कलेक्टर इंदौर) पर शासन के राजस्व को हानि पहुंचाने, अवैध कालोनाइजरों को अनुचित लाभ पहुंचाने एवं शासन को आर्थिक हानि का आरोप हैं अनिता दास, तत्कालीन प्रमुख सचिव, ग्रामोउद्योग भोपाल तथा अन्य पर ऊन तथा सिल्क साडि़यों के क्रय में भ्रष्टाचार का आरोप है। दिलीप मेहरा, तत्कालीन प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, भोपाल पर कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री की पदोन्नति में भ्रष्टाचार एवं अनियमिततओं का आरोप हैं। मोहम्मद सुलेमान, तत्कालीन कलेक्टर इंदौर पर कालोनाइजरों को अवैध लाभ पहुंचाने का आरोप है। जीटी राधाकृष्ण, तत्कालीन प्रबंध संचालक, मप्र राज्य बीज निगम, भोपाल वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन पर दवा खरीदी में अनियमितताओं का आरोप है।

देवराज बिरदी प्रमुख सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग पर ग्राम उमरिया तहसील महू की कृषि भूमि का उपयोग आवासीय करके आवासीय कालोनी का ले–आउट स्वीकारकर आवासीय कालोनी की अनुमति देकर मेसर्स डिवाइन, बिल्डवेज प्रा.लि. को लगभग बीस करोड़ का अवैध लाभ पहुंचाने का आरोप है।

एस.एस. उप्पल आयुक्त नगर निगम, भोपाल पर पांच लाख रुपए लेकर भूमाफियाओं को मंजूरी देने का आरोप है। अरुण भट्ट (कलेक्टर झाबुआ) पर पेटलावद नगर की शासकीय आबादी भूमि सर्वे नं. 1414 रकबा 3.59 का कमिश्नर इंदौर के अदला–बदली का आरोप है। निकुंज श्रीवास्तव (कलेक्टर खंडवा) पर भ्रष्टाचार का आरोप, एमए खान (प्रबंध संचालक मप्र राज्य एवं फार्म विकास निगम) पर मंडियों के सचिव की नियुक्ति में अनियमितता, अनिल श्रीवास्तव ( प्रबंध संचालक मप्र लघु उद्योग निगम) पर अनियमितता, संजय दुबे (मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल) पर वर्ष 1998–99 के दौरान जिला शहडोल के शिक्षा कर्मियों के चयन में अनियमतिता के आरोप।

रामकिंकर गुप्ता (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, इंदौर) पर योजना क्रमांक 54 में टर्मिनल एवं बस स्टैंड बनाने हेतु दस एकड़ भूमि के आवंटन में मे. श्रीराम बिल्डर्स को सौ करोड़ रुपए का अवैध लाभ पहुंचाने, एमके वाष्र्णेय (तत्कालीन आयुक्त नगर निगम ग्वालियर) पर संपत्ति कर के प्रकरणों के अनाधिकृत निराकरण से निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने, आरके गुप्ता (तत्कालीन कलेक्टर उमरिया) पर निविदा स्वीकृति में अनियमितता, एंटोनी डिसा (तत्कालीन आयुक्त, भोपाल) पर निविदा स्वीकृति में अनियमितता, शशि कर्णावत (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मंडला) पर पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार, राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र मिशन के अंतर्गत बीज एवं पौधों के क्रय में वित्तीय (जिलाध्यक्ष जिला अनूपपुर) पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार, विवेक अग्रवाल पर झूठे प्रमाण पत्रों के आधार पर वर्ष 2005–06 के बिक्स प्रोत्साहन राशि के रूप में 11,50,400 रुपए, कार्यालयीन उपयोग हेतु प्राप्त 21 लाख रुपए के मनमाने उपयोग का आरोप है।

एसके मिश्रा सचिव, खनिज साधन विभाग, भोपाल पर खनिज साधन विभाग में एमएल एवं पीएल आवंटन प्रकरणों में भ्रष्टाचार। राकेश साहनी, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन पर व्यक्तिगत लाभ हेतु अपने पद का दुरुपयोग कर अपने पुत्र समीन साहनी को विमान प्रशिक्षण का कम शुल्क में प्रशिक्षण दिलवाना तथा पांच लाख का अवैध लाभ प्राप्त करना तथा संस्था को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप है।

महेंद्रसिंह भिलाला (आईएएस) पर संपूर्ण ग्रामीण योजना के प्रथम स्त्रोत के अंतर्गत 22.5 फीसदी के अंतर्गत मप्र स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपेंट कॉर्पोरेशन शाखा बैतूल के माध्यम से 75 लाख रुपए की खरीदी में अनियमितता का आरोप। अलका उपाध्याय, स्वास्थ्य आयुक्त तथा अन्य भोपाल पर पद का दुरुपयोग, सोमनाथ झारिया, आयुक्त नगर निगम खंडवा एवं अन्य पर विगत चार साल से भ्रष्टाचार तथा पद का दुरुपयोग कर 819 वर्ग फुट के स्थान पर 1330 वर्ग फुट की भूमि पर निमा्रण की अनुमति देने का आरोप है। डा. पवन कुमार शर्मा, तत्कालीन आयुक्त नगर निगम, ग्वालियर पर न्यू दर्पण कॉलोनी में बगैर रोड निर्माण कराए ठेकेदार को 5,06,055 रुपए का भुगतान किया जाना है। ये सभी अधिकारी लोकायुक्त जांच के घेरे में है।

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