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Wednesday, February 10, 2010

अदना सा बाबू जिला पंचायत सीईओ पर भारी

क्या कोई बाबू स्तर का कर्मचारी जिले की त्रिस्तरीय पंचायतों की कमान संभालने वाले जिला पंचायत सीईओ पर भारी हो सकता है?यह प्रश्न सहित चर्चा पूरे जिला पंचायत महकमे में पूरे शवाब पर है.
दरअसल चर्चा का कारण भी वाजिब है. जिला पंचायत सीईओ आशीष कुमार ने दो माह पूर्व कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका सहित गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक कर देने के आरोप में स्थापना का प्रभार देख रहे संतोष कुमार पयासी सहायक ग्रेड 2 से स्थापना का प्रभार छीनकर सहायक ग्रेड 2 बी.के.कुशवाहा को देने का आर्डर जारी किया था. किन्तु दो माह बाद भी सीईओ का यह आदेश बेअसर साबित हो रहा है. प्रभावित बाबू पयासी स्थापना का मलाईदार प्रभार किसी को नहीं देना चाह रहे इसके लिये वह सांसद और विधायक सतना से सीईओ पर डलवाने में सफल भी रहे हैं. बी.के.कुशवाहा भी प्रभार पाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं लेकिन डीआरडीए की काकस मण्डली द्वारा किये जा रहे प्रयासों के आगे सभी नतमस्तक हैं. स्थापना प्रभारी एसीईओ एन.के.पाण्डेय, लेखापाल एवं स्टेनो गर्ग सीईओ के आगे यही दलील देते हैं कि साहब पयासी के अलावा और कोई नहीं चला सकता यह प्रभार. सीईओ जिला पंचायत भी इसी दलील के पक्षधर हो गये हैं. क्या करें आखिर जनप्रतिनिधियों की भी यही इच्छा है. बहरहाल एक बाबू जिपं सीईओ से भारी नजर नहीं आ रहा बल्कि उनपर भारी हो चला है.

1 comment:

  1. महोदय वर्तमान में कई जिलो में विभिन्‍न पञकार लोकहित की योजनाओ पर ध्‍यान न देकर जिलो में पदस्‍थ अधिकारियों / कर्मचारियों की व्‍यक्तिगत जानकारी हासील कर उन्‍हे डराने धमकाने में लगे है ा हाल ही में एक महिला कर्मचारी से संबंधित आदेशो को एक पञकार द्वारा प्राप्‍त कर उन्‍हे विभिन्‍न लोकल समाचार पञो में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया ा मामला वेतन गलत लेने से संबंधित था ा वेतन गलत लेना कोई बडा अपराध नही होता और यह वसुलनीय होता है ऐसे में समाचार पञो में समाचार देना कहा तक और कितना सत्‍य है ा इस संबंध में पञकारिता से संबंधित कोई नियम निर्देश हो तो क़पया मेल से हमे उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें ा मेरा मेल आई(डी है new_nam@rediffmail.com धन्‍यवाद ा

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