
जिले की जनपद पंचायत और जिला पंचायत में कौन से नये नियम बन जायें कह पाना असंभव है. ताजा मामला है जिला पंचायत में सहायक परियोजना अधिकारी सुरेन्द्र सिंह को मझगवां जनपद का सहायक मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाने का. मध्यान्ह भोजन का कार्य देख रहे सुरेन्द्र सिंह को जनपद मझगवां के सीईओ का पद स्थानीय विधायक के प्रयास से एक बार क्या मिला उन्हे तो जैसे सीईओ बनने का चस्का लग गया. विकासखण्ड अधिकारी उचवारे ने नियमों का हवाला देकर कोर्ट के आदेश से जब सीईओ का पद हासिल कर लिया तो सुरेन्द्र सिंह बेचैन हो गये. रही सही कसर तब पूरी हो गयी जब फ्रेश सीईओ मीना कश्यप ने मझगवां का प्रभार ग्रहण कर छुट्टी पर चली गईं. अब नियमानुसार सीईओ का पद एसडीएम को प्रभार में देना पड़ा. सुरेन्द्र सिंह ने एक बार फिर विधायक गहरवार के सहयोग से जनपद के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसडीएम के सहायक अधिकारी के रूप में अपना आर्डर करा लिया. अब स्थिति यह है कि मझगवां जनपद के कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं कि यह पद क्या है और क्यों है ? क्योंकि प्रभारी जनपद के सीईओ की सहायता के लिये विकासखण्ड अधिकारी सहित भारी भरकम अमला तो जनपद में शासन ने पहले ही तैनात कर रखा है.
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