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Wednesday, August 1, 2012

एसडीएम के पास पहुंचा नोटो का बैग किसके लिये था

हमें मेल द्वारा बताया गया है कि इन दिनों एसडीएम मझगवां विनय जैन या तो जम कर कमा रहे हैं या फिर किसी बड़े अधिकारी या नेता के कलेक्शन एजेंट बने हैं। मेल में बताया गया है कि पिछले गुरुवार की रात को जीव्हीआर कम्पनी के पीआरओ जो एसडीएम के दलाल भी है रात को किसी द्विवेदी नामक व्यक्ति जो काफी मोटा ताजा था के साथ एक सूटकेस लेकर एसडीएम के घर आते हैं। इसके बाद यहां बातचीत होती है और बाद में दोनों खाली हाथ वापस लौट जाते हैं। इस सूटकेस में रकम थी यह तो तय बताया गया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि रकम किसके लिये थी। क्या खुद एसडीएम भ्रष्टाचार की रकम ले रहे हैं या फिर अपने बॉस कलेक्टर केके खरे के लिये या फिर किसी नेता के लिये। लेकिन रात को जीव्हीआर कंपनी के पीआरओ के साथ सूटकेस का पहुंचना साबित कर रहा है कि यह राशि यहां हो रहे सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार को दफन करने के नाम पर हो रहा है। मेल में बताया गया है कि एसडीएम विनय जैन ने अशोक मिश्रा को पूरी तरह से अपने अधिकार भी सौंप रखे हैं वसूली और दलाली के इसलिये रात में जीव्हीआर कंपनी की गाड़ी में पीली बत्ती लगाकर वे घूमते हैं। मेल में बताया गया है कि शासन से एसडीएम को गाड़ी मिली है लेकिन वे जीव्हीआर कंपनी की गाड़ी ही उपयोग में ला रहे हैं। आखिर जीव्हीआर उन्हें क्यों गाड़ी दे रहा है और एसडीएम अपनी सरकारी गाड़ी से क्यों नहीं चलते, कहानी अपने आप में काफी कुछ कह रही है लेकिन अब इस मामले में कलेक्टर केके खरे की भी गर्दन फंसती नजर आ रही है।

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