रेस्क्यू आपरेशन की हकीकत यह थी कि यहां क्रेन की सहायता से बचाव अभियान जब शुरु किया गया तो तीन आदमियों को क्रेन के माध्यम से ट्यूब की सहायता से खींच लिया गया लेकिन जब चौथे की बारी आई तो उसकी बातों में आकर बचाव दल ने खाली क्रेन के हुक को खाली उसके पास पहुंचा दिया और जोश में चौथे आदमी ने हुक पकड़ लिया। इस दौरान उसे ट्यूब नहीं भेजा गया। हुक से लटके व्यक्ति को जब खींचा जाने लगा तो थोड़ी देर में हुक से पकड़ ढीली हो गई और व्यक्ति के हाथ से हुक छूट गया और वह नदी में जा गिरा। इस दौरान यहां सभी की सांसे थम गई और युवक नदी की धारा में बह गया। उधर कुछ साहसी लोग धारा के साथ उसके पीछे भागे और एक युवक ट्रैक्टर का ट्यूब लेकर नदी में कूद गया। उसके सहारे वह युवक के पास पहुंचा और फिर ट्यूब के सहारे दोनों लोग किसी तरह नदी के किनारे पहुंचे।
यहां बचाव दल की लापरवाही यह रही कि उसे बचाव के सिद्धांतों का पालन करते हुए खाली हुक में युवक को न लटकाते हुए ट्यूब या सुरक्षा पट्टी के सहारे खींचना था। वह तो गनीमत रही कि युवक से थोड़ा बहुत तैरना आता था नहीं तो इस बचाव अभियान की चूक के कारण उसकी मौत तय थी।
(चित्र में देखेः किस तरह से अंतिम व्यक्ति को निकालने चलाया गया था बचाव अभियान)
ye photo original nhi lagti hai
ReplyDeleteयह इमेज हमे मेल की गई है।
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