
मेल में बताया गया है कि विश्वतारा ने अपने यहां की टीम में सुदामा शरद के बारे में रिपोर्ट में लिखा था कि ये कुछ नहीं करते हैं। कहने को सिटी चीफ है लेकिन इनका सारा काम विश्वतारा स्वयं को देखना पड़ता है। उपेन्द्र मिश्रा के बारे में लिखा गया था कि ये अक्सर शराब के नशे में रहते हैं और कोई काम नहीं करते हैं। कमलेश के बारे में लिखा गया था कि लिखते बढ़िया है लेकिन लिखते नहीं है। गलत लोगों के साथ उठना बैठना है और गुंड़ों को दफ्तर बुलाते हैं। अराजकता फैलाते हैं। धामी को भी अयोग्य साबित करने की पूरी कोशिश की गई थी साथ ही वन व विद्युत विभाग देखने वाले को गंजेड़ी साबित किया गया था।
ठीक इसके विपरीत इन्हें हटा कर अन्य अखबारों से लाने के लिये जिन रिपोर्टरों का प्रस्ताव किया गया था उनमें नवभारत से मनोज रजक को आलराउण्डर और हर तरह की खबर लिखने वाला, राजेश द्विवेदी को स्टार समाचार का सिटी चीफ और आलराउण्डर, योगीतारा दूसरे को स्टार समाचार का विशेष संवाददाता सहित दैनिक भास्कर का पुराना कर्मचारी और स्वास्थ्य में महारथ, महेन्द्र पाण्डेय को स्टार का विशेष संवाददाता, नगर निगम और जिला प्रशासन में विशेष पकड़ के साथ आल राउण्डर, सुखेन्द्र मिश्रा को कृषि व व्यापार में विशेषज्ञता बताते, पत्रकारिता से अलग चल रहे चंद्रकांत पाण्डेय को आल राउण्डर रिपोर्टर, संतोष पाण्डेय को क्राइम रिपोर्टर तथा नई दुनिया के अखिलेश का नाम भी लाने वालों की सूची में दिया गया था।
दैनिक भास्कर के मालिक ने इस सूची को सार्वजनिक करते हुए कहा कि हम इसी टीम से काम चलायेंगे। हमारी यही टीम सही है। राजेश द्विवेदी और मनोज रजक जैसे लफंटरों को हम जानते नहीं है क्या, ये कितने पानी में है। इसी तरह राकेश अग्रवाल ने अन्य सभी संभावित आगंतुक रिपोर्टरों की कमिया सामने रखते हुए किसी दूसरे की आवक से इंकार कर दिया। मेल में कहा गया है कि इस दौरान कमलेश चौबे ने इस एक तरफा रिपोर्ट की हकीकत बयां करते हुए सच्चाई सामने रखी। जिसमें लोगों को अवसर न दिये जाने और कुछ के बचाव की बात भी कही गई।
Chamcho ke bare report me kya lika tha
ReplyDeleteO bhi khulasa karo
Chuna ki kamai ka sampadak dusre ji ka sapna tut gaya. Vasuli abhiyan ke liye apne drem team banana chah rahe honge.
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