जिस तेजी से सतना में पत्रिका अखबार के आने की तैयारी हो रही है साथ ही इधर से उधर जाने की सूचियां तैयार हो रही हैं उसी गति से इस अखबार को लेकर पत्रकार जगत में नकारात्मकता भी फैल रही है। इस अखबार की विश्वसनीयता को लेकर भ्रम का माहौल बन रहा है। हमें भेजे मेल में बताया गया है कि इस अखबार की नीयत हमेशा टॉप लोगों के खिलाफ नकारात्मक खबरे निकालना रही है। इसमें पहले स्थानीय पत्रकारों का उपयोग किया जाता है बाद में राजस्थान से आये लोगों को इसमें जोड़ कर स्थानीय लोगों को अलग कर दिया जाता है। विरोध होने पर उन्हें अलग करने के प्रयास किये जाते हैं। इससे स्थानीय पत्रकारों का पहले ही लोगों से विरोध हो चुका होता है बाद में वह कुछ करने की स्थिति में नहीं होता। यही वजह है कि कोई सीनियर पत्रकार इसमें जाने की स्थिति में नहीं है। मेल में कहा गया है कि कैलाश विजय वर्गीय का विरोध जमीन की चाहत थी। जबलपुर में रोहाणी का विरोध पत्रिका के गुलाब कोठारी के कार्यक्रम में दिये गये पैसे मांगना रहा।
बहरहाल सतना में एक अन्य अखबार जनसंदेश भी आ रहा है। जो सांसद की मदद से स्थापित हो रहा है। इसमें भी पत्रकारों की पूछपरख होने वाली है। कुल मिला कर मीडिया मंडी के भाव ऊंचे ही रहने वाले हैं।
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