हमे भेजे
मेल में बताया
गया है कि
उमरिया के कलेक्टर संतोष उपाध्याय और सतना
महापौर पुष्कर सिंह तोमर
के बीच रेवांचल एक्सप्रेस में सीट
को लेकर जमकर
कहासुनी के साथ
मारपीट भी हुई
है। घटना के
कारणों में बताया
गया है कि
महापौर की दो
सीटों के बीच
में उमरिया कलेक्टर की सीट
आरक्षित थी और
पुष्कर सिंह जो
तब तक इस
बात से वाकिफ
नहीं थे कि
वे उमरिया के कलेक्टर हैं को सीट
बदलने को कहा।
इसे कलेक्टर उमरिया ने दो
टूक शब्दों में नकार
दिया। यह पुष्कर सिंह को नागवार गुजरा और वे
बहस पर उतारू
हो गये। धीरे–धीरे बहर
बढते–बढ़ते गाली–गलौज में
बदल गई तब
कलेक्टर ने इसकी
सूचना अपने तंत्र
के माध्यम से दी
तो गंजबसौदा से रेलवे
का स्टाफ यहां
आ गया लेकिन
इस दौरान तक
महापौर के साथ
चल रहे कोई
दीपू सिंह और
लिटिल सिंह पहुंच
गये और विवाद
शुरू कर दिया।
इस पर कलेक्टर ने अपने ऊपर
हमले की आशंका
की सूचना रेलवे
कंट्रोल को दी।
अपने सहयोगियों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी
अवगत कराया। इसके बाद
सक्रिय प्रशासनिक मशीनरी के प्रयासों से विदिशा में रेल
पुलिस का अमला
आया और रेलवे
के टिकिट संधारण अधिकारी ने कलेक्टर को दूसरी सीट
आवंटित की। इस
दौरान विदिशा में घटना
की सूचना दी
गई और रेलवे
के टीसी ने
अपने साथ लाये
मेमो में कलेक्टर की सूचना दर्ज
की। इस दौरान
तक यहां एक
घंटे के लगभग
ट्रेन रुकी रही। यहां
भी कलेक्टर ने पूरी
जानकारी से रेलवे
अधिकारियों को अवगत
कराया। इसके बाद
जब ट्रेन कटनी
पहुंची तो वहां
पर राज्य के
कई प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच
चुके थे। मेल
में बताया गया
है कि कलेक्टर की आसंका को
देखते हुए आईजी
जोन और काफी
पुलिस बल मौजूद
रहा। उधर महापौर ने भी अपने
परिचितों को बुला
रखा था। यहां
पर भी विवाद
की खबर है।
हालांकि कलेक्टर यहां भी
जीआरपी में रिपोर्ट की सूचना दिये
जिसे रोजनामचे में दर्ज
किया गया है।
इसके बाद कलेक्टर यहां से चले
गये। इस दौरान
महापौर और कलेक्टर के बीच सुलह
वार्ता की भी
जानकारी मेल में
दी गई है।
मेल में कहा
गया है कि
महापौर ट्रेन में
अपने परिवार के साथ
यात्रा कर रहे
थे और एक
साथ सीट न
होने के कारण
वे सीट बदल
कर एक साथ
बैठना चाह रहे
थे। इसी को
लेकर विवाद हुआ।
उधर इस घटना
पर प्रदेश स्तर पर
प्रतिक्रिया शुरू हो
गई है प्रशासनिक अधिकारी एक जुट
हो रहे हैं
तो प्रमुख विपक्षी दल इसे
मुद्दा बनाने की
जुगत में जुट
गया है।
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