समाजसेवा के नाम पर संघ के पदाधिकारी श्रीकृष्ण माहेश्वरी दलाली में जुटे हुए है। हमेशा किसी एनजीओ को आगे करके लाखों का काला पीला करने का अपना जुगाड़ तय कर रहे हैं। इसके साथ ही अपने को नाना जी बताने में जुट जाते हैं। इनका फर्जीवाड़ा देखना हो तो आइये हम दिखाते हैं-
गरमी के मौसम में कलेक्टर सुखबीर सिहं ने जल संरक्षण के लिये वाटर हार्वेस्टिंग का अभियान प्रारंभ किया। यह शुरू हुआ नहीं कि दो चार अग्रवालों को जोड़कर एक संस्था रजिस्टर्ड करवाई और इसे पूरी गरमी वाटर हार्वेस्टिंग अभियान का दिखावा करने जोड़ दिया। जबकि यह संस्था सिर्फ अखबारों में ही ज्यादातर काम कर रही थी। मजे की बात हर कार्यक्रम में इनके माहेश्वरी की दुकान चलती दिखी।
अब उन्होंने एक नया काम खोजा है। जूता चप्पल हब बनाने का। फिर एक एनजीओ खोज कर अब वे जिले को जूते चप्पल बनाने का हब बनाने का दावा कर रहे हैं। मजे की बात देखिये यह काम सज्जनपुर में होगा और पूरा जिला हब कैसे बनेगा। यह समझ से परे हैं।
माहेश्वरी जी काम ही करना है तो उन्हें अवसर दिलाएं जो अभी वास्तव में जूते चप्पल बना रहे हैं उन्हें आगे आने के अवसर दिलाएं।
लेकिन नहीं वे सिर्फ ऐसे काम ही लेते हैं जहां से जिला पंचायत द्वारा मदद मिलती है क्योंकि इनका कोई हिसाब नहीं होता है।
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