रामवन को लेकर चर्चा में रहने वाले श्री कृष्ण माहेश्वरी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और दखलंदाजी को लेकर संघ में स्थानीय स्तर पर ही असंतोष बढ़ गया है। उधऱ रामवन के कार्यक्रम में जब संघ प्रमुख मोहन भागवत आये थे तब भी श्री कृष्ण माहेश्वरी के खिलाफ काफी शिकायतें की गई थी। इसको लेकर संघ में पदाधिकारी की हैसियत से इनकी छुट्टी को तय माना जा रहा है। यह बात खुद माहेश्वरी जी भी समझ रहे है और अपनी राजनीतिक चाहत पूरी करने की जुगत में जुड़ गये हैं।श्री माहेश्वरी अब राज्य सभा में अपना दाव आजमाना चाह रहे हैं और इसके लिये वे काफी परेशान भी हैं। श्री कृष्ण माहेश्वरी को संघ ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है तथा नवम्बर में क्षेत्रीय प्रमुख पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद इससे भी उनका हटना तय माना जा रहा है। राज्य सभा के लिये माहेश्वरी ने उमा भारती से भी सहयोग चाहा है। इन दिनों इनके सहयोगी की भूमिका में लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह, महापौर पुष्कर सिंह, पूर्व पार्षद धर्मेन्द्र सिंह घूरडांग शामिल हैं।
यदि बात सतना और रीवा जिले की करें तो श्री कृष्ण माहेश्वरी की कार्यप्रणाली से संघ का निचला कार्यकर्ता तो नाराज है ही साथ यहां के अन्य पदाधिकारी भी खुश नहीं हैं। संघ में परिवारवाद को महत्व दे रहे श्री माहेश्वरी से भाजपा में भी असंतोष है तो सांसद भी इनसे ज्यादा सहमत नजर नहीं आते हैं।
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