पोस्टमार्टम को मिले मेल में बताया गया है कि पिछले दिनों शकुन्तलम नर्सिंग होम में मीडियाकर्मी पहुंचे हुए थे. वहां नर्सिंग होम के संचालन में काफी कमियों तथा शिविर में फर्जीवाड़े की सूचना पर सभी गये थे. संचालक डॉ. आर.के.अग्रवाल व डॉ. सुचित्रा अग्रवाल द्वारा अपनी पोल खुलती देख यहां फर्जी तरीके से हंगामा मचाना शुरू कर दिया. यहां खाली वार्ड की फोटो ले रहे फोटोग्राफर को न केवल आपरेशन थियेटर में खीचने का प्रयास किया बल्कि उसके साथ मारपीट भी की. कुल मिलाकर यहां हंगामाई नजारा बन चुका था. इसी दौरान यहां पर दैनिक भास्कर सतना संस्करण के मालिक अजय अग्रवाल वहां पहुंच कर सीधे डॉक्टर के केबिन में चले जाते हैं. लगभग एक घंटे की डील के बाद बाहर निकलते हैं. यहां तक तो मीडिया के लिये भी सामान्य रहा लेकिन दूसरे दिन दैनिक भास्कर से इस संबंध में कोई खबर का न आना यह साबित कर गया कि घटनाक्रम के एवज में दैनिक भास्कर का मालिकान पत्रकारिता की आड़ में समझौता कर गया. इससे न केवल संस्थान की गरिमा खत्म हुई बल्कि पत्रकारों की नजर में उसकी कीमत व इज्जत जमीन पर आ गिरी.
Thursday, November 12, 2009
दैनिक भास्कर के मालिक ने किया खबर का सौदा
अबतक अपनी ऊलजुलूल हरकतों के लिये पहचाने जाने वाले दैनिक भास्कर सतना के मालिक अजय अग्रवाल ने विगत दि
वस शकुन्तलम नर्सिंग होम संचालक से डीलिंग कर पत्रकारिता जगत को शर्मशार कर दिया. इतना ही अजय अग्रवाल घटना क्रम के दौरान ही मौके पर पहुंच कर मालिकान जैसे वजनदार शब्द की साख पर भी बट्टा लगा दिया.
पोस्टमार्टम को मिले मेल में बताया गया है कि पिछले दिनों शकुन्तलम नर्सिंग होम में मीडियाकर्मी पहुंचे हुए थे. वहां नर्सिंग होम के संचालन में काफी कमियों तथा शिविर में फर्जीवाड़े की सूचना पर सभी गये थे. संचालक डॉ. आर.के.अग्रवाल व डॉ. सुचित्रा अग्रवाल द्वारा अपनी पोल खुलती देख यहां फर्जी तरीके से हंगामा मचाना शुरू कर दिया. यहां खाली वार्ड की फोटो ले रहे फोटोग्राफर को न केवल आपरेशन थियेटर में खीचने का प्रयास किया बल्कि उसके साथ मारपीट भी की. कुल मिलाकर यहां हंगामाई नजारा बन चुका था. इसी दौरान यहां पर दैनिक भास्कर सतना संस्करण के मालिक अजय अग्रवाल वहां पहुंच कर सीधे डॉक्टर के केबिन में चले जाते हैं. लगभग एक घंटे की डील के बाद बाहर निकलते हैं. यहां तक तो मीडिया के लिये भी सामान्य रहा लेकिन दूसरे दिन दैनिक भास्कर से इस संबंध में कोई खबर का न आना यह साबित कर गया कि घटनाक्रम के एवज में दैनिक भास्कर का मालिकान पत्रकारिता की आड़ में समझौता कर गया. इससे न केवल संस्थान की गरिमा खत्म हुई बल्कि पत्रकारों की नजर में उसकी कीमत व इज्जत जमीन पर आ गिरी.
पोस्टमार्टम को मिले मेल में बताया गया है कि पिछले दिनों शकुन्तलम नर्सिंग होम में मीडियाकर्मी पहुंचे हुए थे. वहां नर्सिंग होम के संचालन में काफी कमियों तथा शिविर में फर्जीवाड़े की सूचना पर सभी गये थे. संचालक डॉ. आर.के.अग्रवाल व डॉ. सुचित्रा अग्रवाल द्वारा अपनी पोल खुलती देख यहां फर्जी तरीके से हंगामा मचाना शुरू कर दिया. यहां खाली वार्ड की फोटो ले रहे फोटोग्राफर को न केवल आपरेशन थियेटर में खीचने का प्रयास किया बल्कि उसके साथ मारपीट भी की. कुल मिलाकर यहां हंगामाई नजारा बन चुका था. इसी दौरान यहां पर दैनिक भास्कर सतना संस्करण के मालिक अजय अग्रवाल वहां पहुंच कर सीधे डॉक्टर के केबिन में चले जाते हैं. लगभग एक घंटे की डील के बाद बाहर निकलते हैं. यहां तक तो मीडिया के लिये भी सामान्य रहा लेकिन दूसरे दिन दैनिक भास्कर से इस संबंध में कोई खबर का न आना यह साबित कर गया कि घटनाक्रम के एवज में दैनिक भास्कर का मालिकान पत्रकारिता की आड़ में समझौता कर गया. इससे न केवल संस्थान की गरिमा खत्म हुई बल्कि पत्रकारों की नजर में उसकी कीमत व इज्जत जमीन पर आ गिरी.
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