Thursday, March 11, 2010
पत्रकार का गैस सिलेण्डर की सौदेबाजी का खेल बिगड़ा
विगत दिवस रेलवे स्टेशन के स्टैण्ड में नवभारत के एक पत्रकार का गैस सिलेण्डर की कालाबाजारी की सौदेबाजी का खेल उसके ही साथियों की नासमझी ने बिगाड़
दिया. इसकी चर्चा जो आज रही उसके अनुसार विगत दिवस रात को रेलगाड़ी की पैन्ट्रीकार में रखने के लिये घरेलू गैस सिलेण्डर काफी संख्या में रेलवे स्टेशन के स्टैण्ड में रखे थे. तभी इन पर नवभारत के एक पत्रकार की नजर पड़ गई. वह यह सब देख कर सिलेण्डर के साथ आये व्यक्ति पर दबाब बनाने लगा क्योंकि पैन्ट्रीकार में व्यावसायिक सिलेण्डर प्रयुक्त होते है. लेकिन व्यक्ति भी दबने को तैयार नहीं था. इसी दौरान उसके साथी भी वहां आ पहुंचे तभी किसी बात को लेकर न जाने उनमें क्या हुआ और मामला झगड़े में बदल गया. किसी तरह उन्हें शांत करा कर आखिर नवभारत का वह पत्रकार भी वहां से रवाना हो गया. लेकिन अहम बात यह रही है कि सिलेण्डरों के कालाबाजारी की यह घटना अखबार में भी नहीं दिखी जिसे लेकर चर्चा जमकर रही. कहना तो यह भी रहा कि वहां समझौते का खेल चलता है.
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yeh patrakar navbharat ka manoj rajak hai
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