Wednesday, July 15, 2009
प्रेस फोटो ग्राफरों की कलुषित मानसिकता
विगत दिवस मैहर बेला मार्ग पर वाहन दुर्घटना के घायल जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां मीडिया कैमरामैन और प्रेस फोटो ग्राफरों ने उन्हे घेर लिया. एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र के फोटोग्राफर घायलों को लाये परिजन से उलझ पड़े. उस व्यक्ति ने बड़ी विनम्रता से कहा कि भाई साहब फोटो खींचने और जानकारी लेने की बजाय यदि आप पहले हमारी चिकित्सा सहायता और अस्पताल प्रबंधन पर शीघ्र उपचार के लिये कहते तो ज्यादा उचित होता. चार लाशों को आटो में लादकर यहां लाये हैं. और ६-७ परिजन घायल है. आप हमारी मनोस्थिति को समझ सकते हैं. लेकिन फोटो ग्राफरों को इससे क्या लेना देना उन्हे तो फोटो के लिये बेहतरीन पोज चाहिये रहता है.
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