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Wednesday, July 22, 2009

...तो जनता ही लगाएगी पावर हाउस में आग

जिले की जनता ने विपरीत स्थितियों में भी उसे जीत का सेहरा दिया, जातिवाद की लपटों के बीच भी कुछ ने उसे अपना माना, मामूली अंतर से ही सही लेकिन विकास की कमान उसके हाथों में दी... लेकिन नतीजे ऐसे निकलेंगे शायद ही किसी ने सोचा होगा...
इसकी हकीकत देखना हो तो इधर कुछ दिनों के अखबारों की बानगी देखें...
नवभारत ने आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में जनप्रतिनिधि द्वारा सूची सौंपे जाने की खबर दी. यह सूची इसी जनप्रतिनिधि द्वारा दी गई थी.
स्वदेश अखबार ने तो दो दिन पहले इस जनप्रतिनिधि की हकीकत ही सबके सामने रख दी जिससे सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि काफी शर्मनाक है उनका चरित्र.
नई दुनिया ने भी अभी इशारों में सतना लाइम स्टोन में सफेदपोशों को शामिल कर इनकी ओर ईशारा किया है.
इसके अलावा भास्कर, जागरण सहित सभी अखबार गाहे बगाहे अपनी खबरों में इशारे कर इस जनप्रतिनिधि की लीक से हटने की खबर दे रहे है.
अब बारी है जनता की तो वह सब समझ रही है. यही हालात रहे तो स्थिति यह हो जाएगी की जनता खुद ही अपने पावर हाउस में आग लगा देगी.
अब न्यूज एजेंसी के उन छुद्रान्वेषी वरिष्ठ पत्रकार को भी शायद नजर आने लगा होगा... कि पावर हाउस से किसके लिये कितनी बिजली का प्रोडेक्शन हो रहा है....
इसी की एक कड़ी का कुछ हिस्सा मेल द्वारा पोस्ट मार्टम को भेजा गया है जिसमें उठाए गये है कुछ सवाल
अभी ताजा ताजा बिछियन में हुए घटनाक्रम में पुलिस के मुखबिर के रूप में प्रचारित हो रहे लल्लू की मौत का सच उतना सामान्य नहीं है जितना पुलिस दिखाना चाह रही है. आम तौर पर जांच में महीनों गुजारने वाली पुलिस को क्या हो गया कि आनन फानन में हत्यारा पकड़ा गया. जबकि इस क्षेत्र में यह चर्चा दबी जुबान आम हो चली है कि यह हत्या क्षेत्र के राजनीति भविष्य का आगाज है. कहा जा रहा है कि लल्लू की हत्या के बाद सुन्दर पर लगे इकलौते केस बिछियन नरसंहार का इकलौता गवाह भी खत्म हो गया. यदि वह अब आत्म समर्पण करता है तो उसका बरी होना आसान हो जाएगा और फिर शुरू होगा तराई में राजनीति का नया चरण जिसकी शुरुआत कर सकता है सुन्दर पटेल. यह तो आशंका है लेकिन इस पूरी कहानी का सूत्रधार जिसे कहा जा रहा है उसमें भी जिले के इसी जनप्रतिनिधि का नाम आ रहा है की सारी कहानी की रचना इसी पावर हाउस में की जा रही है.

1 comment:

  1. sansad ganesh singh par logo ko bharosa tha ki ve is baar sahi kaam karenge lekin ab to ve khula gatigat khel suru kar chuke hain. isse bjp ki chavi kharab ho rahi hai.

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