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Saturday, July 25, 2009

दलिया में कीड़े देखने वालों को गांधी ने अंधा बनाया


सिनेमा की तरह आपको एक फ्लैश बैक दिखाते हैं. जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि को कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने एक अभियान छेड़ा हर दूसरे दिन किसी स्कूल या आंगनबाड़ी केन्द्र जाती और जमीन में गिरी दलिया या कहीं कहीं बोरे से निकली दलिया को साथ में लाती जिसे कभी जिला पंचायत के सीईओ तो कभी कलेक्टर तो कभी अपनी फोटो के साथ अखबार बालों को देती. फिर उनकी फोटो के साथ भ्रष्टाचार की बिजबिजाती हुई खबर प्रकाशित होती. लेकिन इसका असर यह हुआ की अधिकारी तो दूर आमजन को भी यह हरकतें इतनी पिलपिली लगी की फोटोग्राफरों के कैमरों की फ्लैश लाइटें भी राजनीतिक सौदेबाजी का अंधेरा नहीं दूर कर पाईं. यहां हम आपको बता देना चाहेगें यह जनप्रतिनिधि कोई और नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष है तब जिनकी पहचान सरकारी महकमें में सूड़े वाली मैडम के रूप में बन चुकी थी.
अब इस फ्लैश बैक से बाहर आएं और राजनीतिक रैकेट की ढपोरशंखी पर गौर करें (अखबारों की नजर से) अभी कुछ दिन पहले ही शहर की जानी मानी और तथाकथित चर्चित स्वयं सेवी संस्था जिस पर जेल में कंडोम बाटने का भी आरोप है ने सरकारी खजाने की लूटखसोट का प्रशिक्षण नामक नायाब नगीना लेकर चली आई. हमेशा की तरह ही इसने पंचायत प्रतिनिधियों को कागजों में प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया लेकिन भला हो कुछ अखबार बालों का जिन्होंने इस एनजीओ की लरजती कार्यशैली और गांधी के दमदार असर से बाहर आकर इसका लाखों के खेल की पोल खोल दी. लगभग 82 लाख के घोटाले की पोल खुलते ही नेताओं, ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों, स्वयं सिद्ध समाजसेवियों और चाटुकारों के गठजोड़ को सांप सूंघ गया.
एसआईआरडी की चौसर पर अपने पासे फेंक कर अनुपमा एजुकेशन सोसायटी की बिसात तब बिखर गई जब यह मामला एक अखबारी नेता ने उठाया. इसके बाद रेत की इमारत की तरह भरभरा खत्म हुए प्रशिक्षण के इस खेल में अब जो नई चाल चली जा रही है वह इन नैतिकतावादी लंबरदारों का पिलपिला स्याह चेहरा सामने ला रही है.
यहां से शुरू करते है जिला पंचायत अध्यक्ष की नई कहानी का...
ईमानदारी का दम भरने वाली जिला पंयायत अध्यक्ष एक बार फिर किसी की काली करतूतों की ढाल बन कर खडी हुई हैं. कुछ दिनों पहले सीईओ अस्थाना की अनियमितता छुपाने के लिए अपनी तथाकथित ईमानदारी को सामने रख अपने ही हस्ताक्षरों से पलटी खाकर अस्थाना को पाकसाफ साबित करने का असफल प्रयास कर चुकी जिला पंचायत अध्यक्ष एक बार फिर अनुपमा एजुकेशन सोसायटी के लाखों के घोटाले की रक्षा करने उतर पड़ी है.
एक ओर जहां पूरा मीडिया(नवभारत को छोड़कर) चीख चीख कर अनुपमा एजुकेशन सोसायटी के 82 लाख के घोटाले को सिद्ध कर चुका है, जिला पंचायत के सीईओ खुद प्रशिक्षण पर रोक लगा चुके है, जिला पंयायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा गुप्ता खुद पंचायत मंत्री से इस प्रशिक्षण पर रोक लगाने की बात कह चुकी है(दैनिक जागरण) अब आखिर क्या हो गया है कि सारा प्रशिक्षण श्रीमती गुप्ता को साफ सुथरा नजर आने लगा .
दरअसल यह सब गांधी का प्रभाव है कि लूट खसोट पर आमादा एनजीओ की करतूत उन्हे अब ईमानदारी भरी लगने लगी है. अगर इन जनप्रतिनिधि का यही हाल रहा तो लोगों का इनसे विश्वास तो उठ ही चुका है इनको खुद अपनी ईमानदारी साबित करने अग्निपरीक्षा देनी होगी.
न्यूज पोस्ट मार्टम को मिले एक मेल को सही माना जाय तो इस पूरे मामले को दबाने के लंबी सेटिंग का खेल शुरू हो चुका है. मांगों क्या मांगते हो की तर्ज पर शुरू मैनेजमेंट के तहत एक जनप्रतिनिधि तो सेट हो ही गये जिनके बयान आज अखबारों में दिख ही रहे है. दूसरे जनप्रतिनिधि(मुद्दे को हवा देने वाले) पर भी 5 लाख तक का फंदा फेका गया है. अखबार वालो पर भी मेहरबानी का शरबत छिड़का जाने लगा है. जिसका असर आज एक प्रमुख दैनिक अखबार पर देखा जा सकता है.
इस मामले में अखबारों की स्थिति
दैनिक भास्करः मामले को शुरुआती दौर पर पूरी दमदारी से उठाने और प्रशिक्षण पर रोक लगाने में अहम् भूमिका. आज की खबर में वह धार नहीं दिखी.
जागरणः धीमी शुरुआत के साथ लगातार मुद्दे को अपडेट करते हुए आज शानदार तरीके से लेखन किया. अपनी अखबारी भूमिका का पूरी तरह निर्वाह करता नजर आया है रिपोर्टर.
नवभारतः अपेक्षा के अनुरूप काफी कमजोर प्रस्तुतिकरण नजर आ रहा है. शुरुआती दौर से एनजीओ के लिये सेफ साइट खेल रहे रिपोर्टर आज अखबारी दायित्वों की खानापूर्ति करते नजर आए.

5 comments:

  1. chattu ko bhi mila tha offer.

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  2. yaar satnapatrakar.blogspot.com ne bhi kai bade mamlon ka khuylasa kiya hai.ye blog to ek kunthit patrakar navbharat ke ramashankar sharma/tiwari(asliyat wo khud bhi nahin janta) ki den hai

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  3. PRO OFFICE KA DALAL BABU RAJESH SINGH IS MAMLE MEN GHUS MANG RAHA THA,PAISA NAHIN MILA TO ISKI GAAND MEN CHEETA LAG GAYA.JUGAD SE IS VIBHAG MEN AAYE IS DALAL RAJESH SINGH NE APNE GANDIAL SAATHI NAVBHARAT KE RAMASHANKAR KE SAATH MIL KE YE SAB PLAN KIYA HAI

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  4. Ramashankar apni biwi ko aanganvaadi men bharti karana chahta tha,lekin jab jugad nahin jama to bechara apni khisiyahat ko is blog ke madhyam se nikal raha hai.agar is blog ka administrator bahut bada imandaar ki gaand hai,to madarchod is comment ko bhi likha rahne de,sab sach sabke samne aa jayega.

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