दैनिक भास्कर
दैनिक भास्कर के पृष्ट क्रमांक 16 पर गढिया टोला में बाबा ताजुद्दीन की मजार अच्छी खबर बन पड़ी है. स्थानीय लोक संस्कृति और पुरातन धरोहर पर दृष्टिपात करती हुई यह रिपोर्ट रिपोर्टर ने मेहनत से तैयार की है. वहीं पेज क्रमांक 3 पर पुष्पा गुप्ता को लोकसभा प्रत्याशी बनाने की मांग शीर्षक से छपी खबर में जिला पंचायत अध्यक्ष को 2 फरवरी को दिल्ली में सम्मानित किया जाना बताया गया है. उप सम्पादक ने खबर की प्रमाणिकता जानने की कोशिश नहीं की और विज्ञप्ति को यथा रूप प्रकाशित करके महिमामंडन और भ्रामक जानकारी दी. पेज क्रमांक 5 पर जिस्म फरोशी की सूचना पर पुलिस की छापा में आरोपी महिलाओं का चेहरा छुपा दिया गया है. जो पत्रकारिता की स्वस्थ परंपरा का हिस्सा है.
नवभारत
पेज क्रमांक तीन पर छात्रवृत्ति वितरण में विभाग की उपलब्धि शून्य शीर्षक से प्रकाशित खबर में रिपोर्टर की खोजी पत्रकारिता की एक झलक मिलती है. विभाग की 6 छात्रबृत्ति योजनाओं में एक भी छात्र को लाभ नहीं मिलने की स्थिति शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में निश्चित ही नजर अंदाजी का सबूत है. खबर अच्छी बन पड़ी है. पुष्पा गुप्ता को लोकसभा टिकट दिये जाने की मांग खबर मे उपसम्पादक ने विज्ञप्ति को जांच परख कर सही जानकारी ही पाठकों को प्रस्तुत की है.
नवस्वदेश
रंगरेलियां मनाते आधा दर्जन युवक युवती गिरफ्तार शीर्षक में बड़ी खबर के रूप में दी गई है. वहीं खबर के आरोपी जनो की तस्वीरें बिना छुपाए दी गई है. पेज क्रमांक 5 पर रामवन मेला का कब्हरेज यथोचित रूप से दिया है. लेकिन फोटो में भिन्नता है.
देशबन्धु
जिस्मफरोशी के अड्डे पर छापा की खबर शीर्षक अमर्यादित आचरण करते पकड़े गये तीन जोड़े अत्यंत शालीनता और मर्यादित तरीके से गढ़ा गया है.
विन्ध्य भारत
सतना सिटी के पेज 5 पर रामवन मेले के फोटो नवभारत को छोड़कर अन्य समाचार पत्रों के समान ही दिये है. पुष्पा गुप्ता को लोकसभा टिकट देने की मांग में बिना जांचे परखे विज्ञप्ति प्रकाशित की है वहीं जनपद सीईओ ओपी झा को पूरे देश में पहला सीईओ बताया गया है जिसे से राष्ट्रीय पुरस्कार देने की बात भी कही गई है. जबकि सीईओ झा सतना जिले से जाने वाले दल के समन्वयक के रूप में गये हैं. और पूरे देश के जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, महिला श्रमिक को दिल्ली में आयोजित मेले में भाग लेने बुलाया गया है. इसमें सम्मान जैसी कोई बात नहीं है. फिर भी रिपोर्टर जनपद सीईओ के गुणगान और महिमामण्डन में ऐसे तल्लीन रहे कि उन्होने सम्मान प्राप्त करने जैसी बात की पुष्टी करने की जरूरत नहीं समझी.
दैनिक जागरण
जागरण सिटी पेज में सिविल लाइन में गढ़े जाते है भगवान अच्छी खबर है. सिविल लाइन में बसे इन स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा सभी आते जाते देखते हैं लेकिन इनमें खबर तलाशने की जरूरत जागरण ने समझी और अच्छी खबर बनी. वहीं जवाहर नगर में पुलिस का छापा आरोपी महिलाओं का स्पष्ट फोटो ग्राफ प्रकाशित कर कहीं न कहीं महिलाओं के अधिकार को कम किया है.
badhai
ReplyDeleteअच्छा प्रयास है
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