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Thursday, February 19, 2009

समसामयिक हलचल

इन्हे अब क्या कहें?
विगत दिवस जिले के सोहावल विकासखण्ड में महिला बाल विकास का एक कार्यक्रम था जिसमें दैनिक समाचार पत्रों के फोटो ग्राफरों को एक पंचायत पदाधिकारी द्वारा ले जाया गया. कार्यक्रम की खबर लगते ही तथाकथित पत्रकारों की एक टोली अपने साधनों से पहुंची. इस टोली का नेतृत्व कर रहे स्वनाम धन्य बिना अखबार के पत्रकार की वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए आयोजक गणों ने सम्मान देते हुए उन्हे मंच पर स्थान दिया. सूत्रों की माने तो जरा सी बात पर इन महोदय को भ्रष्टाचार निरोधक इन्सपेक्टर का भूत सवार हो गया और वहीं से अपनी महत्ता साबित करते हुए सीधे कलेक्टर को फोन लगा दिया. बाद में कलेक्टर ने एसडीएम को मौके पर भेजा और एसडीएम ने वस्तुस्थिति ज्ञात कर पत्रकार महोदय और कार्यक्रम के बारे में कलेक्टर को जानकारी दी. और दूसरे दिन मीडिया में खिलाफत की खबरे छपने की धमकी कोरी साबित हुई क्योंकि पत्रकार महोदय अपनी बात कहां छपवाते.
इसी तरह प्रभारी मंत्री की सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता अव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुई. जिले के 50-60 की संख्या में पत्रकार और नेताटाइप पत्रकार वार्ता में पहुंचे. सूत्रों की माने तो पत्रकारवार्ता स्थल पर प्रारंभ में तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार और उनकी टोली पहले से पहुंचकर अग्रिम पंक्ति में अपना स्थान ग्रहण कर चुकी थी. वरिष्ठ पत्रकार ने अपना ज्ञापन मंत्री को सौंपा और मंत्री अभी ज्ञापन पढ़ भी नहीं पाए कि महोदय ने सवाल दाग दिया कि मैने जो ज्ञापन आपको सौंपा है उस पर मंत्री जी क्या कार्यवाही करेंगे? बगल में बैठे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र के प्रतिनिधि ने उन्हे टोका और कहा कि अभी रुक जाइये पत्रकार वार्ता शुरू तो हो जाने दीजीए. इतना सुनना था कि तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार अपनी वरिष्ठता का बखान करते हुए अपना आपा खो बैठे लिहाजा कुछ सयाने किस्म के पत्रकारों ने उन्हे समझाया तब मामला शांत हुआ. पत्रकार वार्ता में प्रभारी मंत्री सहित वरिष्ठ नेता और छुटभइये नेताओं की मौजूदगी से आधी कुर्सियां वैसे भी भर गई लिहाजा पत्रकारों को खड़े रहना पड़ा. पत्रकारवार्ता में पत्रकार गण व्यक्तिगत खुन्नस और अधिकारियों की शिकायते ही करते रहे. वहीं बाहर
पत्रकारों के लिये चाय नाश्ते के इन्तजाम के लिये मंत्री जी के सचिव द्वारा डीएफओ और एसडीओ से आग्रह करने पर डीएफओ ने सचिव को फटकार लगाते हुए खुद के वरिष्ठ अधिकारी होने का अहसास कराया.

1 comment:

  1. patrakaar nahi log apne aap ko khuda samajhte hai.achchha hai ki aapne bhi inki harkato par gaur kiya .aise patrakaar aur aisi sthiti yaha ab aam baat ho chuki hai.akhbaar nahi hai lekin patrakaar hai. chhapne na chhapne ki dhamki de kar dhandha karte hai.

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