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Thursday, April 9, 2009

पत्रकारों के सपने पर पड़ने लगी धूल की गर्त

कुछ दिनों पहले एक शुभचिन्तक ने टिप्पणी की थी कि प्रेस क्लब पर की गई समीक्षा तोड़ने का काम करती है... तो हम यहां यह बता देना चाहते हैं कि प्रेस क्लब की नींव शायद जिस आधार पर रखी गई थी क्या वह आज कायम है. यदि ईमानदारी से देखा जाय तो शायद नही... भले ही आप लोग स्वीकार करें या न करें लेकिन आज प्रेस क्लब का सूनापन अपने आप यह कहानी कह देता है कि बाहर से बुलन्द दिखने वाली यह ईमारत अंदर से कितनी खोखली है. गुटबाजी खत्म कर एकता के उद्देश्य को लेकर की गई यह शुरुआत खुद आज गुटबाजी में उलझी हुई है. यही वजह है कि आज वहां लोग जाने से कतराते है या फिर जो दिखाई देते है वे वहीं चेहरे होते हैं जो... निश्चित तौर पर प्रेस क्लब ने पत्रकार की मदद करके अच्छा काम किया है. क्या वह राशि प्रेस क्लब के खाते से गई यदि नहीं तो फिर इसमें प्रेस क्लब का नाम क्यों. फिर भी प्रेस क्लब ने यदि मदद की थी इसे बकायदे सभी अखबारों में देना था. यदि नहीं दिया गया तो यह भी गलत है. बहरहाल हम प्रेस क्लब के कतई विरोधी नहीं है न ही वहां की गतिविधियों से कोई लेना देना है. लेकिन जो पता चल रहा है उससे यह समझ में आ रहा है कि प्रेस क्लब अपनी उत्पत्ति से भटक कर कुछ गिनती के लोगों की संस्था बनता जा रहा है जो कि शायद ....
बेहतर होगा कि इस पोस्ट को गलत नजरिये से लेने की बजाय स्वआकलन कर उसकी बेहतरी के प्रयास करें. बाकी आप सभी प्रेस क्लब की वर्तमान स्थिति के बारे में बेहतर जानते हैं कि वहां अब पहले जैसी रौनक नहीं रही.

8 comments:

  1. रमाशंकर शर्माApril 9, 2009 at 3:37 PM

    आदरणीय आप शायद किसी की गलत जानकारी के आधार पर यह बातें कह रहे हैं लेकिन प्रेस क्लब ने यह मदद पहली बार नहीं की है पहले भी दो लोगों की मदद क्लब कर चुका है. रही बात जो आरोप आप लगा रहे हैं वह क्लब का और उसके सदस्यों का निजी मामला है इसमें आपको कुछ बोलने या लिखने का हक नही है. आशा है आप अन्यथा नहीं लेंगे.

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  2. Press club kisi ki niji sanstha nahi hai. yeh yaha ke patrakaro ka sajha prayas hai is par na likhen to theek hai. rahi baat ... to har ghar me bartan khdkte hain

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  3. प्रेस क्लब सही मायने में पूरी प्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि अपने आपको असली -नकली पत्रकार की पहचान में ज्यादा ब्यस्त रखता है और अपने किसी निर्णय पैर कायम भी नहीं रहता जैसे अब प्रेस बारता पार्टी ऑफिस एवं घरो में भी होने लगी है

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  4. कुछ पत्रकार प्रेस क्लब की पत्रकारवार्ता से नाखुस भी रहते है क्योकि उन्हें गिफ्ट आइटम से भी मरहूम होना पड़ता है

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  5. Press club do char logo ne apni bapoti bana liya hai. inka bas yahi maksad hai ki log kisi tarah unhe jaane. isliye hamesa apne ko samne lane lage rahte hai.isme shukla aur uske do teen sathi hain.

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  6. press club satna ki patrakarita ke liye kiya gaya ek samoohik aur bahut achha prayas hai.sabhi se vinamr nivedan hai ki ise saath rakhne main aapsi sahyog den.aapsi ladai se ye bahut muskil se mili hui uplabdhi humare haath se nikal jayegi.jhagda kis ghar main nahin hota,sab baith kar AAPSI MUDDON KO NIPTA LENGE.

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  7. press club theek hai lekin choukanna farji dalal hamesa ghusa rahega. hai kya wo. press meet me apna naam chamkane aage aage hota rahta hai. are sanrkshak type log ho vase bane raho. aur logo se dekho lekin dalali aur naam ke liye club ka sabse jyda faida isi chokanna ne uthaya hai. sala dalla.

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  8. sahi kah rahe ho isko to club se bahar kar dena chahiye. dogla aadmi hai.

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